निशांत को आदत थी। प्रकृति के मनोरम दृश्यों का आनन्द लेना। उसे पुराने जमाने के अवशेषों को नजदीक से देखने और छूने में विशेष रूचि थी। एक दिन वह टहलता -टहलता शहर से थोड़ी दूर पर बने पुराने सुनसान किले में टहल रहा था थोड़ी देर सुस्ताने के ख्याल से वह किले के अंदर बैठा हीं था की सहसा उसकी नजर एक सफेद ड्रेस पहनी लड़की पर जा कर ठहर गयी जो किले के दूसरे हिस्से में चहलकदमी कर रही थी और मुस्कुरा रही थी। उसकी मुस्कुराहट में ऐसे जादुई शक्ति थी जो निशांत को बरबस अपनी ओर खीच रही थी। निशांत को आज किसी काम से जल्दी घर जाना था इसलिए वह निकल गया पर बार -बार उस प्यारी सी मुस्कान का ख्याल उसके दिल और दिमाग में बिजली की तरह कौंध रहा था।
दूसरे दिन जब उस किले में पहुँचा तो आज वो लड़की नही दिख रही थी। वह मन ही मन अफ़सोस कर रहा था की काश कल हीं थोड़ी जान पहचान कर लेनी चाहिए थी। तभी किसी के पायल की आवाज आयी जब उसने पलट कर देखा तो वो कल वाली लड़की इशारे से अपनी ओर बुला रही थी। निशांत ने मन में राहत की साँस ली। चलो मेरी मन की मुराद पूरी हुई। वह लड़की के पास जाता है ,दोनों की आपस में जान -पहचान हुई फिर बातों का दौर चल पड़ा।
निशांत ने उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम पायल बताया। पायल ने निशांत के बारे में पूछा -तो उसने बताया की निशांत के पिता गरीब परिवार से है और उसके पिता सब्जी का ठेला लगातें है। शाम के वक्त निशांत अपने पिता की सब्जी बेचने में मदद करता है। इसके कारण कॉलेज के कई स्टूडेंट उसका मजाक उड़ातें है पर मेरे पिताजी मुझे पढ़ा -लिखाकर बड़ा आदमी बनाना चाहतें हैं। हमें जरूरत की भी मांगें मुश्किल से पूरी हो पाती है।
निशांत के पूछने पर पायल ने अपने बारे में बताया की वह बहुत ही अमीर घराने से ताल्लुक रखती है। इसलिए वह कहीं भी आराम से आती -जाती है। इसलिए तो किले में भी बिना कोई डर के घूमती है। उसके पास दुनिया का हर ऐसो -आराम की सुविधा के संसाधन हैं ,बस एक अच्छे दोस्त की कमी है। निशांत ने कहा अगर तुम्हे कोई आपत्ति न हो तो मै तुम्हारा दोस्त बन जाता हूँ। पायल अरे इसके बारे में तो मैंने सोचा ही नही था। ये तो बहुत अच्छा है। फिर क्या दोनों का बातों का दौर चल पड़ा।
दोनों रोजाना मिला करतें। पायल रोजाना निशांत के लिए अलग -अलग तरह की मिठाई लाती और निशांत जब खा रहा होता तो उसे गौर से एक टक निहारा करती। उसे अजीब सी ख़ुशी होती थी। सब कुछ ठीक चल रहा था की अचानक पायल बिना बताये गायब हो गयी। बहुत दिनों से उसका कोई पता नही था। इधर निशांत को अपनी दोस्त का ख्याल और चिंता सता रही थी। उसे इस बात पर ज्यादा गुस्सा आ रहा था की कहीं जाना भी था तो एक बार मुझे बता सकती थी। उसने बहुत ढूंढने की कोशिश की पर कोई सफलता नही मिली।
धीरे -धीरे पायल की यादें भी निशांत के जेहन में धुंधली पड़ने लगी थी। एक दिन निशांत एक शाम अपने दोस्त के घर कॉलेज के नोट्स लाने गया। जैसे हीं वह दोस्त के घर के अंदर घुसा ,उसे दीवार पर एक राजसी परिवार की तस्वीर टँगी थी। उनके बीच पायल भी मौजूद थी। उसने अपने दोस्त से उस तस्वीर के बारे में पूछा तो उसने बताया की ये यहाँ के 100 साल पुराने राजा के पूरे परिवार की तस्वीर है। पायल राजा की एकलौती बेटी थी। यहाँ के कुछ लोग कहते हैं की इनकी आत्मा आज भी किले के अंदर दिखती है। इसलिए कोई भी व्यक्ति किले के पास भी नही जाना चाहता। निशांत ये सुनकर अवाक् रह गया। पायल भूत थी।
कुछ दिनों बाद पायल उसे दिखी। उसने निशांत को बताया की उसे एक तांत्रिक ने शापित कर दिया था। उसने मुक्त होने का रास्ता यही बताया था की अगर तू किसी मनुष्य से अपनी पहचान बताये उसे अपने हाथों से कुछ खिलाएगी तभी तुम मुक्त हो पाओगी। इसलिए मुझे ये सब करना पड़ा। मुझे माफ़ करना दोस्त ,मैंने ये बातें तुमसे छिपाई। इतना कहते ही वह गायब हो गयी।
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