घबराही हुई स्टेफनी जाकर मशहूर (एक्टर व सोशल वर्कर)हेनरी कार्टिल से टकराई, स्टेफनी के हाथ व कपड़ो पर खून के निशान नजर आ रहे थे, स्टेफनी ने हेनरी कार्टिल से कुछ कहा और फिर हेनरी कार्टिल ने उसे अपनी सेफ्टी के लिए दी गयी पिस्तौल से स्टेफनी के कंधे पर गोली चला दी !
जोर्ज (स्टेफनी का पती) अपने ख्वाबों से जाग जाता है , वह लगातार यही ख्वाब हर रात को देखा करता है !
जोर्ज उठकर अपने घर के वाशरूम की तरफ बढता है, वहाँ जब वह अपना चेहरा पानी से धोता रहता है तब फिर से ख्वाबों में लौट जाता है :-
जेल के अन्दर जोर्ज (हेनरी कार्टिल से)– “बताओ तुमने मेरी वाइफ को क्यों मारा?”
हेनरी कार्टिल – “ मैं नही जानता की मैंने ऐसा क्यों किया या कुछ ऐसा करा भी!”
जोर्ज – “ तुम तो दुनिया के सामने नशा भी नहीं करते mr. innocent, दुनिया तुम्हे इसी नाम से जानती है ना , फिर तुम क्यों इसका कारण नही जानते की तुमने ऐसा क्यों करा! (थोडा रुक कर) स्टेफनी तुम्हारी दीवानी थी उसे तुम्हारी अदाकारी पसंद थी,बल्कि उसे ही नहीं पूरी न्यू यॉर्क की जनता तुम्हे अच्छाई का देवता समझती है! क्या तुम्हे उस समय उन लोगों का प्यार नजर नहीं आया जो तुमसे अच्छाई की आस लगाये बेठे हैं!”
हेनरी कार्टिल – “में अभी भी innocent ही हूँ mr. जोर्ज !”
जोर्ज – “ झूठ मत बोलो मैंने अपनी आखों से तुम्हे देखा है उस पर गोली चलाते हुए,उस समय मैं वही पर मौजूद था!”
हेनरी कार्टिल – “अगर तुम वहां मौजूद थे,तो तुमने मुझे रोकने की कोशिश क्यों नही करी तुम्हारी बीवी को मारने से ?”
जोर्ज ख्वाबों से बाहर निकल आता है,और अपने आप से पूछता है – “ मैंने अपनी बीवी को अपनी आखों के सामने कैसे मरने दिया, जबकि में वही था मैने यह सब होते हुए देखा है,मुझे हेनरी कार्टिल को रोकना चाहिये था मेरी बीवी की मौत का जिम्मेदार हेनरी कार्टिल से ज्यादा मैं खुद हूँ!”
जोर्ज अपने आप को बुजदिल समझने लगता है, वह अपने आप को उसकी पत्नी की मौत का गुनेहगार समझने लगता है, वह नशे की लत को पकड़ लेता है और नशे में यह ठान लेता है की वह उसकी पत्नी से मिलना चाहता है और मिलकर उससे माफ़ी मांगना चाहता है! उसे यह महसूस होता है की जब तक स्टेफनी उसे माफ़ नहीं करेगी तब तक वह सुख से अपनी ज़िन्दगी नहीं जी सकेगा,उसे आत्मघात करने की सोच मन में आती है तभी उसे स्टेफनी की कही हुई बात याद आती है –“तुम्हे पता है जोर्ज लोग आत्महत्या क्यों करते है, क्योंकि वह लोग इस दुनियां से अपनी उम्मीद खो बैठते है और वह दूसरी सुकून की दुनियां में बिना किसी तकलीफ सहे उस दुनिया में विलीन होना चाहते है, वह लोग बुजदिल होते है!”
जोर्ज अपने मन से आत्मघात की सोच भूल कर इस दुनिया से उम्मीद करने पर भरोसा करता है!
जोर्ज याद करता है :-
स्टेफनी अकेले में अपने आप से कुछ बाते करती है, जोर्ज उसे हैरानी से देखते हुए उससे जाकर पूछता है –“ तुम किससे बाते कर रही हो?,मैंरे कान कब से तुम्हारी मीठी आवाज सुनने के लिए तरस रहे है!”
स्टेफनी जोर्ज के गालो को चुमते हुए कहती है – “ दरअसल में अपनी माँ से पूछ रही थी की वह मेरे पिता के साथ इतने प्रेम से कैसे रहती थी, उन्होंने जवाब दिया की उनके प्यार में सच्चाई थी, बस इतना ही बोला उन्होंने!”
जोर्ज – “तुम्हारी माँ वाकई में एक सुलझी हुई महिला थी, उनके गुजर जाने के बाद मुझे भी उनकी कभी कभी याद आया करती है!”
स्टेफनी – “मैं तुम्हे उनसे मिलवा सकती हूँ , मैंने आत्माओं से बात करने की जगह के बारे में सुना है, किसी शहर में ‘अद्भुत फिन’ नामक एक व्यक्ति हमें माँ से मिलवा सकता है,क्यों न हम भी वहाँ चल कर माँ से मिल आये!”
जोर्ज – “ ‘अद्भुत फिन’ की दास्ताँ महज कहानियां है और अगर तुम्हे ऐसी जगह पता भी चल जाये तो मेरे ख्याल से ऐसी जगह पर तुम्हारा अकेले का जाना ही बेहतर होगा!”
और दोनों ठहाके मार कर हँसने लगते है !
अब जोर्ज उस बात को हकीकत समझने लगता है, उसके दिमाग में यही बात चलती रहती है की ऐसी हकीकत में कोई जगह मौजूद है जहां पर आत्माओ से बात करी जा सकती है! जोर्ज उस जगह की तलाश में निकल पड़ता है ! वह इन्टरनेट पर जानने की कोशिश करता है, वहाँ उसे साउथ अमेरिका में स्तिथ पेरू में एक जगह का पता चलता है जहां वह वाकई अपनी पत्नी से जा कर मिल सकता था! जोर्ज की उम्मीद जाग जाती है, वह सुबह 8 बजे की फ्लाइट में बैठकर पेरू के लिए रवाना हो जाता है !
रास्ते में जाते हुए एक चोर बैंक से पैसे चुराता हुआ जोर्ज के सामने से निकलता है,उसके पीछे कुछ पुलिस वाले भी पड़े रहते है तभी जोर्ज से एक पुलिस वाले को अनजाने में टक्कर लग जाती है ओर वह पुलिस वाला उससे टकराकर रोड पर गिर जाता है,फिर जैसे ही जोर्ज उसे उठाने जाता है तभी एक कार से उस पुलिस वाले का एक्सीडेंट हो जाता है !
जोर्ज अपने सपने से जागता है वह अपने आप को हवाईजहाज के अन्दर पता है!
जोर्ज (अपने आप से)- “बहोत अजीब सा ख्वाब था !”
जोर्ज पेरू पहुँच जाता है , वहां से वह टैक्सी में बेठकर सोल(soul) कम्यूनिकेटर से मिलने निकल पड़ता है ! वह आस पास के नजारों को कार में बेठे हुए निहारता रहता है , अचानक उसे वही जगह नजर आती है जो उसने फ्लाइट में बेठे हुए अपने सपने में देखि थी, जोर्ज को वह जगह जानी पहचानी हुई लगती है लेकिन उसकी सोच में सिर्फ स्टेफनी से मिलने की ही बाते घूम रही थी,वह उस जगह को नजरंदाज करते हुए अपनी मंजिल तक पहुँच जाता है!
वह सोल कम्यूनिकेटर से उसका नाम पूछता है वह अपना नाम फिन बताता है, फिन जोर्ज को अपने साथ एक बड़े से हॉल के अन्दर ले जाता है, जोर्ज आस-पास नजर घुमाता हुए वहाँ पर रखी मूर्तियों को निहारता हुआ आगे बढता है, फिन जोर्ज को एक टेबल पर बैठाता है और फिर उसका हाथ थाम स्टेफनी की आत्मा को ढूंढने आत्माओ की दुनिया में निकल पड़ता है,जोर्ज भी फिन के पीछे ही रहता है,उसे वह दुनिया हकीकत लगती है पर फिन की कोशिश स्टेफनी को ढूंढने में नाकाम रहती है!
जोर्ज – “हम वापस यहाँ कैसे आये ?”
जोर्ज आश्चर्य से फिन से सवाल पूछता है ?
फिन-“हम यही थे बस मेरी आत्मा उसे आत्माओ की दुनिया में खोजने गयी थी!”
जोर्ज आश्चर्यचकित होकर फिन से पूछता है – “तुम उस दुनिया में अकेले गए थे या हम साथ थे ?”
फिन-“ तुमने क्या महसूस किया ?”
जोर्ज अपने मन को जवाब देने से रोकता हुआ स्टेफनी के बारे में पूछता है!
फिन जवाब देता है की वह उसे ढूंढने में नाकाम रहा,स्टेफनी की रूह जरुर कही छुपकर बेठी है, फिन कहता है की वह अपनी करीबी रूहों से उसे ढूंढने के लिए कहेगा, वह जोर्ज को 7 दिनों के बाद वापिस आने को कहता है,जोर्ज असहमति के मन से वहाँ से जाने लगता है तभी जोर्ज पलटकर फिन से पूछता है – “क्या मैं 7 दिनों तक तुम्हारे साथ ही ठहर सकता हूँ अगर तुम बुरा न मानो तो, में भी यह कला सिखना चाहता हूँ!”
फिन-“ मैं तुम्हारे दर्द को अच्छी तरह समझ सकता हूँ दोस्त, मगर यह कला प्रकृति की देन है हर किसी को आत्माओ की दुनिया में जाने की इजाजत नही होती”
जोर्ज-“ तो वहाँ जाने की इजाजत मुझे किससे लेनी पड़ेगी?”
फिन-“ अपने आप से !”
जोर्ज- “मैं समझ नही पाया तुम क्या कहना चाह रहे हो ?”
फिन- “फिरहाल मैं तुम्हे इजाजत देता हूँ मेरे साथ ठहरने की, बाकी तुम खुद-ब-खुद समझ जाओगे!”
जोर्ज फिन के साथ ठहरकर उसके काम करने के तरीके को निहारता व सिखने की कोशिश करता है,वह उसकी रूहों से बात करने के तरीके पर गौर करता है ओर उस तरीके को अपने आप में ढालने की कौशिश करता है!
जोर्ज रात को टहलता हुआ कही जाते रहता है, वहां पर दो आदमी अपना बैग ढूंढते रहते है ,जोर्ज को वह बैग मिल जाता है, जोर्ज अपने पैर से उस बैग को उन आदमिओ की तरफ खिसकाते हुए उनसे पूछता है- “तुम क्या यही तलाश रहे थे?”
वह लोग बिना कोई जवाब दिए उस बैग को उठाकर ले जाते है! जोर्ज उनको हैरानी से देखते हुए वहाँ से आगे जाता है , उसे उन आदमिओ पर शक होता है वह जैसे ही पलटकर उनको देखने लगता है तभी वहाँ पर खड़ी एक कार ब्लास्ट हो जाती है!
जोर्ज की आँखे खुलती है,वह महसूस करता है की यह भी उसके बाकी सपनो की तरह महज एक ख्वाब था!
अगले दिन फिन को उसके करीबी रूहों का जवाब मिलता है,फिन को जवाब मिलता है ‘नाकाम’!
जोर्ज (फिन से) –“ आखिर ऐसी क्या वजह है जिससे में स्टेफनी से बात नही कर पा रहा हूँ, तुम आखिर क्यूँ उसे तलाश नही पा रहे!”
जोर्ज के शब्द उसकी उदासी व्यक्त कर रहे थे,उसका गुस्सा अपने प्रति और बड़ते जा रहा था!
फिन(जोर्ज को शांत करते हुए कहता है)- “जोर्ज ‘जब भी तुम सूर्य की तरफ देखते हो और उसकी ताप को महसूस करते हो तो तुम्हे लगता है की उसकी गर्मी सिर्फ तुम महसूस कर रहे हो,पर जब तुम सूर्य के साथ पुरे आकाश की तरफ ध्यान दोगे तब तुम्हे यह ज्ञात होगा की वह गर्मी सिर्फ तुम नहीं बल्कि पूरा संसार उसे महसूस करता है !’ हम सभी ने कुछ खोया है जोर्ज,दुःख से आगे निकलो, हम इसका कुछ हल जरुर निकाल लेंगे दोस्त फिरहाल तुम अपना मन हल्का करने की कौशिश करो !”
फिर फिन जोर्ज से एक हैरानी भरा सवाल पूछता है – “स्टेफनी का ना मिल पाना सिर्फ दो बातो की तरफ इशारा करता है या तो उसे मुक्ति मिल गयी है या …………………वह जिंदा है?”
जोर्ज- “यह कैसे मुमकिन हो सकता है मैंने उसे अपनी आँखों के सामने गोली लगते हुए देखा है फिन,वह हमारी जिंदगी का सबसे मनहूस लम्हा था!”
फिन- “क्या तुमने उसकी डेड बॉडी को देखा?”
जोर्ज यह सुनकर सोच में पड़ जाता है,फिन अपनी बात को फिर दोहराता है – “जोर्ज! क्या तुमने अपनी बीवी की लाश देखि है?”
जोर्ज(घबराहट में) – “शायद मैंने देखि होगी, अहह…मुझे याद क्यों नही आ रहा…..”
फिन- “याद करने की कौशिश करो जोर्ज,जब तुम्हारी बीवी को गोली लगी उसके बाद तुम कहाँ थे”
जोर्ज लगातार अपने दिमाग पर जौर देता है वह याद करने की कोशिश करता है की एक बार तो उसने अपनी बीवी की लाश को जरुर देखा होगा,मगर ऐसा कुछ भी याद नही आ पाता!
फिन- “तुम्हे उन दिनों के कुछ तो लम्हे याद होंगे जोर्ज, याद करने की कोशिश करो ?”
जोर्ज बहोत सोचता है फिर आखिर मैं उसे कुछ याद आता है – “मै स्टेफनी को गोली लगने के बाद सदमे में था,किसी ब्रीज पर बिजली के खम्बे का सहारा लिए खड़ा हुआ था वहाँ से शायद मेरा पैर फिसल गया था और में निचे समुद्र में जा गिरा था,उसके बाद …! मुझे इतना याद है की ….मैं सीधे हेनरी कार्टिल से मिलने जेल पहुंचा था,उससे मिलने के बाद मैं सीधे घर गया था और स्टेफनी की दिवार पर लटकी तस्वीर को देख कर बिलख बिलख कर रोने लगा! बस इतना ही याद है मैंने उसकी लाश देखि ही नही! …….पर शायद में शमशान गया था,वहाँ पर उसका नाम मौजूद था ‘स्टेफनी’ मैंने पड़ा था!”
जोर्ज की आँखों के सामने स्टेफनी की कब्र की तस्वीर झलकती है!
फिन-“सिर्फ स्टेफनी?”
जोर्ज(हैरानी में)- ‘नहीं स्टेफनी स्टुअर्ट!’
फिन- “और उसका पूरा नाम क्या है?”
जोर्ज सहम जाता है उसे याद आता है की असल में स्टेफनी का पूरा नाम स्टेफनी स्टुअर्ट नही बल्कि स्टेफनी एंडरसन था!
जोर्ज- “है ईश्वर मुझसे इतनी बड़ी भूल कैसे हो गयी! मैं तुम्हे कहीं से भी खोज निकालूँगा स्टेफनी! तुम्हारा शुक्रिया फिन!”
फिन उसका शुक्रिया काबुल करता है! उस दिन के बाद जोर्ज की उम्मीद जाग जाती है! और वह अपनी बीवी की तलाश में वापिस अपने शहर की ओर लौट पड़ता है, वह सबसे पहले स्टेफनी के गुनेहगार हेनरी कार्टिल से मिलने के लिए पुलिस स्टेशन पहुँचता है, वहाँ उसे पता चलता है की हेनरी कार्टिल की जमानत उस हादसे के चार हफ्ते के बाद ही हो गयी थी!
जोर्ज पुलिस इंस्पेक्टर से पूछते हुए – “भला किसी व्यक्ति को मर्डर करने के बावजूद इतनी कम सजा कैसे मिल सकती है?”
इंस्पेक्टर हँसते हुए बोला – “दोस्त सजा तो तब मिलती जब हमें उसके गुनाह का सुराग मिलता,हमे तुम्हारी पत्नी की लाश मिल ही नही पायी तो जितनी सजा उसने अन्दर बितायी वह उसे महज पब्लिक वायलेंस के तहत मिली!”
जोर्ज अपनी मुस्कराहट छुपाते हुए इंस्पेक्टर से पूछता है – “मुझे हेनरी कार्टिल का पता मिल सकता है?”
जोर्ज हेनरी का पता लिए अपने घर की ओर चल पड़ता है,अब उसके चेहरे पर से उदासी गायब होने लगी थी!
जोर्ज को फिर से वही ख्वाब आता है वह अपनी बीवी को कंधे पर गोली लगने के बाद अपने आप को एक ब्रीज पर पाता है,जहां निचे समुद्र बहता रहता है, वह अपने आप को जख्मी पाता है,तभी उसे महसूस होता है की उसे पीछे से कोई उसे समुद्र की ओर धकेल देता है उसे गिरते हुए स्टेफनी का चेहरा नजर आता है,स्टेफनी के शब्दों पर गौर करते हुए उसे सुनाई देता है – “अपने भूतकाल को अपने मस्तिक से रिहा कर दो जोर्ज!”
जोर्ज अपने स्वप्न से जागते हुए गौर करता है की इस बार उसने अपने स्वप्न में कुछ नया महसूस करा, वह स्टेफनी की बातो पर गौर करता है और उसके इस बात की वजह तलाशने की कौशिश में जुट जाता है!
जोर्ज हेनरी कार्टिल के घर पहुँच कर उससे अपनी बीवी की लाश के बारे में पूछता है, हेनरी कार्टिल जवाब देता है-“mr. जोर्ज जब आप सभी दर्शको के चहेते होते हो, आप हकीकत में innocent होते हो,तब आपको आपके दर्शक ही उस गुनाह से महफूज करवाते है जो आपने करे ही नहीं.(हेनरी अपने स्वर को भारी करते हुए कहता है) दरअसल लोगो और मीडिया की नजर उस इंसान पर रहती है जिसे बदनाम कर के पैसे बनाये जाये,मुझे मीडिया से बचाते हुए सीधे कोर्ट ले गये थे वहाँ पर मुझे मर्डर का गुनेहगार साबित करने के लिए तुम्हारी बीवी की लाश की मंगवाई हुई तो लाश अपनी जगह से गायब हो चुकी थी एम्बुलेंस के पहुँचने से पहले ही,लाश ढूंढने के लिए चार हफ्तों का समय दिया गया मुझे पब्लिक वायलेंस के तहत जेल भेजा गया था ,mr जोर्ज!”
जोर्ज – “तुमने ऐसा क्यूँ कहा की दर्शको ने तुम्हे महफूज करवाया? स्टेफनी की असलियत क्या है क्या वह जिन्दा है?”
हेनरी जवाब देता है –“ मुझे बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है की नहीं,उसे मेरे कुछ चहेते दर्शको ने वारदात होने से पहले ही जगह से उठाकर उसकी लाश को ठिकाने लगा दिया गया, और हाँ वह चहेता दर्शक वहीँ का इंस्पेक्टर था जिसने यह अपनी बेटी को विश्वास दिलाने के लिए किया, क्यूंकि वह मेरे जरिये अपनी बेटी को यह साबित करना चाहता था की अच्छायी पर बुराई कभी हावी हो सकती.उसने मुझे क्यूँ चुना यह तुम समझ सकते हो जोर्ज, मैं इन लोगों के सामने अच्छाई को प्रदर्शित करता हूँ लोग मेरी अच्छाई की मिसाल दिया करते हैं ….”
जोर्ज हेनरी की बातों को काटते हुए अपने दुखी मन के साथ पूछता है –“क्या तुम मानते हो की तुम innocent हो?”
हेनरी- “बिलकुल! मुझसे यह करवाया गया है किसी अजीब सी शक्ति ने जिसे सिर्फ कुछ समय के लिए महसूस कर सकते हैं, मगर वह तुम्हारी पहुँच से काफी परे होती है!”
जोर्ज हेनरी कार्टिल को गुस्से भरी नजरो से नकारता हुआ फिन के मिलने वापस पेरू के लिए निकल पड़ता है,वह टैक्सी में बैठकर फिर से उसी रास्ते से गुजरता है जिस जगह को उसने अपने ख्वाबों में देखा था इस बार वह टैक्सी को रुकवाकर ड्राईवर से पूछता है- “क्या यहाँ कभी किसी पुलिसकर्मी का एक्सीडेंट हुआ है क्या ?”
ड्राईवर-“हाँ सर! अभी एक हफ्ते पहले की ही खबर न्यूज़ में देखि थी यहाँ की , एक आदमी के धक्का देने से पुलिसकर्मी सड़क पर जा गिरा और उसका एक्सीडेंट भी हो गया था!”
जोर्ज- “तो क्या पुलिसकर्मी बचा या …..?”
ड्राईवर – “हाँ सर बच गया ना बस पैर टूट गया बिचारे का!”
जोर्ज-“ गाड़ी पुलिस स्टेशन की तरफ ले चलो !”
जोर्ज को घबराहट महसूस होने लगती है उसके चेहरे पर से डर से पसीना बहने लगता है, वह उस पुलिसकर्मी के पास पहुंचता है जिसका एक्सीडेंट जोर्ज से टकराने से हुआ था!
जोर्ज पुलिसकर्मी से पूछता है-“सर क्या आपने उस इंसान का चेहरा देखा था जिससे टकराने से आपके साथ यह हादसा हुआ!”
वह पुलिसकर्मी जोर्ज के चेहरे को निहारते हुए कहता है- हाँ देखा था चेहरा उसका मगर तुम कौन से डिपार्टमेंट से हो या फिर कोई रिपोर्टर हो शायद , देखो इसमें मुजरिम की गलती नही थी वह घटना अनजाने में हुई थी,मैं चोर का पीछा कर रहा था और उस बिचारे एडवर्ड से मैं टकरा गया बस इतना ही है !
जोर्ज- “सर कौन एडवर्ड ?”
पुलिसकर्मी – “वही शख्स जिससे में टकराया था!”
जोर्ज को अब अपना मष्तिक बेकाबू होता हुआ नजर आ रहा था वह हैरानी में डूबे हुए पुलिस स्टेशन से बाहर जाता रहता है तभी उसे उन दो मुजरिमों की तस्वीर जेल में बंद कैदियों की तस्वीर के बिच लगी हुई दिखती है जिन्हें जोर्ज ने उनका बैग खोजने में उनकी मदद करी थी! वह पुलिसकर्मी से अनुमति लेकर उन कैदियों से मिलने पहुचता है,वहाँ जब वह उनसे उस इंसान के बारे में पूछता है जिसने उन्हें वह बैग खोजने में मदद की थी तो उनका जवाब मिलता है- “तुम्हे कैसे पता की हमारा बैग खो गया था, खैर अगर तुमने उस बूढी महिला को हमें बैग देते हुए देखा हो तो हम तुम्हे बता देना चाहते है की वह हमारे साथ नही थी वह तो बस अपने कुत्ते को टहलाने निकली थी! इस गुनाह में उस बूढी महिला को दोषी मत ठहराना तुम!”
“ठीक है मैं समझ गया!”-जोर्ज ने निचे स्वर में जवाब देते हुए कहा और फिर वहाँ से निकल कर सीधे फिन के पास पहुंचा!
जोर्ज फिन के पास पहुँच कर उसे स्टेफनी का सच बयान कर देता है और वह उससे विनती करता है की किसी भी तरह से वह उसे स्टेफनी से मिलवा दे!
फिन जोर्ज के कहने पर फिर से स्टेफनी की रूह की खोज में निकल पड़ता है,जोर्ज अपने आप को फिर से फिन के साथ पाता है और फिन फिर से असफल रहता है! तभी फिन के कुछ बोलने से पहले जोर्ज उसकी बात को काटते हुए पूछता है-“तुम्हारा कहना था की रूहों की दुनिया में जाने की अनुमति उन्ही लोगों को मिलती है जिन्हें ईश्वर ने अनुमति दी हो,तो क्या ईश्वर ने मुझे भी अनुमति दे रखी है उनकी दुनिया में जाने की?”
फिन आश्चर्यजनक भाव से पूछता है-“तुम्हे ऐसा क्यूँ लगता है जोर्ज?”
जोर्ज – “क्योंकि उस दुनिया में तुम्हारे पीछे मैं भी वहाँ उपस्थित रहता हूँ,वह दुनिया हकीकत लगती है !”
फिन हलकी सी मुस्कान लिए जोर्ज को बताता है की रूहों की दुनिया इंसानों की दुनिया एक ही है,बस इंसानों को देखा जा सकता है क्यूंकि वह जीवित है और रूहे अद्रश्य होती है मगर वह हमारे इर्द-गिर्द ही रहती है, वह हमारे साथ चलती है, हमारे साथ सोती है,कभी-कभी वह किसी हादसे,गलती की वजह भी बन जाती है जैसे की कभी किसी के हाथ से अचानक चाय का कप निचे गिर जाना किसी रूह की टक्कर से,अब जीवित इंसान उसे अपनी ही भूल समझकर टाल देता है मगर असल में वह कोई रूह उस गलती की वजह होतीं है!
फिन की बातों से जोर्ज के दिमाग में हेनरी कार्टिल,उस पुलिसकर्मी और उन मुजरिमों की बातें दिमाग में घुमती रहती है उसके दिमाग में यह बात चलती रहती है की आखिर उसे ऐसा क्यूँ लगा की वह उन सब जगह पर मौजूद था, जोर्ज की आँखों के सामने अँधेरा छाने लगता है,फिर उसे हल्कि सी सूर्य की किरण नजर आती है वहाँ उसे वही ब्रीज नजर आता है जहां से वह गिरा था,उसे उस ब्रीज पर स्टेफनी दिखाई देती है !
जोर्ज भरी हुई आँखों से स्टेफनी से माफ़ी मांगता है- “आज शायद मेरी इच्छा पूरी हो गयी स्टेफनी,अब में ख़ुशी से अपनी ज़िन्दगी जी पाऊंगा, मैं चाहता हूँ की तुम मुझे मेरी गलती के लिए हो सके तो माफ़ कर दो मैं वहाँ हो कर भी तुम्हे बचाने मैं नाकाम रहा स्टेफनी!”
स्टेफनी की भी आँखे नम रहती है और फिर वह जाकर जोर्ज से गले लग जाती है! जोर्ज को बहोत सुकून मिलता है! उसकी आँखों के सामने वापिस से अँधेरा छा जाता है इस बार वह अपने आप को स्टेफनी के साथ अपने घर में पाता है,वह स्टेफनी की तरफ गौर करता है स्टेफनी उसे अपनी माँ की रूह को बुलाते हुए नजर आती है जोर्ज को याद आता है की स्टेफनी भी रूहों से जुड़े रहने की कला सिख चुकी थी, वह उसका हाथ पकडे हुए रहती है,अचानक वह उसका हाथ छोड़ देती है और अजीब सा बरताव करने लगती है और फिर वह स्थिर हो कर जोर्ज को घूरने लगती है जोर्ज उसे घबराहट में पुकारने लगता है जोर्ज के पुकारने पर स्टेफनी के बरताव में सुधार आता है फिर स्टेफनी घबराकर जोर्ज से गले लग जाती है और फिर अचानक पीछे टेबल पर रखे चाक़ू से जोर्ज की कमर पर हमला कर देती है,स्टेफनी का हाथ और उसके कपड़ों पर खून के निशान लग जाते है जोर्ज स्टेफनी का हाथ पकडे ही बेहोश हो जाता है
फिर स्टेफनी को अचानक होश आता है,उसे एहसास होता है की उसके अन्दर किसी अनजान रूह ने कब्ज़ा कर उससे यह गुनाह करवाया था, अब स्टेफनी बिलख-बिलख कर रोने लगती है,जोर्ज की साँसे थम सी जाती है स्टेफनी उसे मृत समझती है,वह अपने पति के क़त्ल में जेल की सजा नहीं काटना चाहती थी इसलिए वह अपनी रूहों को खोजने की कला इस बार जोर्ज की रूह को ढूंढने में इस्तमाल करती है उसे जोर्ज की रूह का पता चल जाता है वह उसे वहीँ रुकने को कहती है और फिर दौड़ते हुए उसकी रूह के पास पहुँचती है वहाँ वह मशहूर एक्टर हेनरी कार्टिल से टकराती है (जो की अपनी शूटिंग का दिन ख़त्म कर अलिंस स्टूडियो से बाहर निकलता रहता है) स्टेफनी हेनरी से टकराकर गिर जाती है फिर स्टेफनी को ज्ञात होता है की जोर्ज की रूह हेनरी कार्टिल की रूह को काबू में करे हुए रहती है,स्टेफनी जोर्ज से अपनी गलती की माफ़ी मांगने लगती है और उससे अपने आप को मरवाने की जिद करती है जोर्ज बहोत सोचता है फिर अचानक पिस्तौल निकलकर स्टेफनी के कंधे पर गोली चला देता है!(जो की हेनरी कार्टिल के शारीर के इस्तमाल से चलाई थी)!
अब जोर्ज फिर से अपने आपको उसी ब्रीज के कोने पर एक बिजली के खम्बे के सहारे खड़े हुए पाता है उसकी कमर से खून बहता रहता है वह पलट कर नज़र घुमाता है तो उसे पीछे कुछ ही दुरी पर अपना घर नज़र आता है,जोर्ज हैरानी से अपनी आप बीती को समझने की कौशिश करता है वह सोचता है की असल गुनेहगार कौन था स्टेफनी या वो खुद,क्या वह जीवित है या महज़ एक रूह है और क्या उन सभी हादसों का गुनेहगार भी वह खुद ही है जिसे वह अपने ख़्वाबों में देखता था!
जोर्ज अपनी सोच में खोया रहता है तभी जोर्ज को अचानक से कोई बहते पानी की तरफ धकेल देता है उसे गिरते हुए स्टेफनी की रूह नज़र आती है वह उसके लब्जों पर गौर करता है वह कहती है-“अपने भूतकाल को अपने मस्तिक से रिहा कर दो जोर्ज!”
जोर्ज की आँखें अब फिन के कमरे में खुलती है वह सभी को हैरानी से घूरता रहता है,फिन उसे विश्वास दिलाता है की वह जिंदा है,जोर्ज फिन को पूरी आप बीती बताने के पच्यात यह जानना चाहता था की आखिर उसके जिंदा होने के बावजूद उसकी रूह ने हेनरी कार्टिल की रूह पर कैसे कब्ज़ा कर लिया था और वह उन घटनाओ में कैसे शामिल हो गया था,फिन उसे बताता है की जोर्ज को इश्वर की तरफ से एक अद्भुत तोहफा मिला है वह अपने जीते जी दो जुड़वाँ रूहों का मालिक है जो की इस दुनिया के दोनों पहलु में जीती है जैसे की बिल्ली के शारीर में सात रूहों का वास होता है उसी तरह तुम्हारे शरीर में दो रूहें वास करती है, एक तुम्हारे इंसानी शरीर में जीवित है और आम दुनिया में जीती है और दूसरी वह रूह है जिसे स्टेफनी के हमले के बाद से रूहों की दुनिया में दस्तक मिल गयी मगर वह अभी भी तुमसे जुडी हुई है!“बस तुम्हे इस दुनिया के दोनों पहलु के बिच के अंतर को पहचानना होगा अगर तुम पहचान सको तो! तुम एक अद्भुत इंसान हो जोर्ज तुम्हे अपने आप पर काबू रखना सीखना होगा वरना तुम दैत्य कहलाने लगोगे!”
“तुम्हे कैसे पता है यह सब कौन हो तुम?”- जोर्ज (फिन से हैरानी से पूछता है)
फिन मुस्कुराकर जवाब देता है – “शायद ऐसा तोहफा किसी ओर को भी मिला है, जोर्ज! जिसे शायद अद्भुत कहलाने की उपाधि मिली हो”
फिन(हैरानी से फिन को अचंभित नजरो से निहारता हुआ कहता है)- अद्भुत फिन !!!!
–END–