किसी के सपने अचानक से पुरे हो जाये और फिर उन पर ग्रहण लग जाये तो क्या होगा ?
ये कहानी है नेहा की जो बहुत ही चंचल शरारती है।
उसकी माँ पलक और पिता राजन की वो जान है,स्कूल और कॉलेज मैं जितना वो शरारतों के लिए जनि जाती थी उतना ही पढ़ाई के लिए भी।
धीरे धीरे समय गुज़रता गया और उसकी ग्रेजुएशन पूरी हो गयी … कॉलेज के समय वो सोचा करती थी की की राजकुमार एक दिन आएगा और उसे उसकी दुनिया से अपनी दुनिया मैं ले जायेगा।
अभी उसके ग्रेजुएशन का रिजल्ट भी नहीं आया था की एक दिन उनके पारिवारिक पंडित आये नेहा के लिए शादी का रिश्ता लेकर।
आपको कैसे पता चला लड़के के बारे मैं- नेहा की माँ ने पूछा ??
कैसे बताऊँ सोच में पड़ते हुए पंडित ने कहा –
क्यों क्या हुआ–पलक ने पूछा
ये समझ लीजिये शायद माता की यही मर्जी है कल सुबह जब मैं सो कर उठा तो मेरे दरवाजे पर किसी ने घंटी बजायी मेने दरवाजा खोला तो वहां कोई नहीं था फिर जब मैं वापस अन्दर आने को हुआ तो मेरी नज़र दरवाजे पर पड़े एक लिफाफे पर पड़ी ,,,, मैंने उसे उठाकर खोलकर देखा तो उसमे एक लड़के की फोटो और उसके बारे मैं जानकारी थी , मैंने पता करवाया तो पता चला वो कमलेश मल्होत्रा का बेटा है उन्हें कौन नहीं जनता है इसलिए ज्यादा समय नहीं लगा पता करवाने में ….
और रहा लिफाफा तो हो सकता है की कोई शायद अपना नाम बिना बताये हमारी मदद करना चाहता है,अपने भी मुझे नेहा बिटिया केलिए लड़का देखने के लिए कहा था तो मुझे नेहा बिटिया के लिए ये लड़का सही लगा तो मैं आपके पास आ गया।
लड़का देखने मैं ठीक है-नेहा की माँ ने कहा – पर इसे कैसे कोई इसे आपके दरवाजे पर रखकर चला गया ?
शायद वो उसी खानदान और अपने बेटे या जो भी हो उसके लिए लड़की तलाश रहा हो और न चाहता हो की ये लड़की उसने पसंद की है उस लड़के के लिए– पंडित ने नेहा की माँ की बात सुनकर कह।
हो सकता है – नेहा के पिता बोले – पर हमें पता करवाना पड़ेगा !!!!
जैसी आपकी इच्छा -पंडित ने कहा फिर जैसे ही चलने लगा तो राजन ने रोका …..पंडित जी आप अच्छी तरह से पता करवाइये कमलेश मल्होत्रा का नाम मैंने भी सुना है अगर ये सही है और रिश्ता हो जाये तो हमारी नेहा राज़ करेगी।
जब नेहा ने ये सब सुना और लड़के की फोटो देखी तो शरमा गयी और अपने कमरे मैं चली गयी फोटो भी अपने साथ ले गयी थी .
तो तुम हो मेरे होने वाले पति-फोयो हाथ में लेकर नेहा बोली- वैसे हो तो बहुत सुन्दर पर हम भी कम नहीं है |
अगले दिन पंडित ने आकर घंटी बजायी
कौन – राजन ने पुछा
पंडित जी है दरवाजा खोलती पलक ने जवाब दिया।
आईये पंडित जी -उनके अन्दर आते ही राजन बोला- कहिये ..
कहना तो अब आपको है -पंडित बैठते ही बोला-मैंने पता किया है अच्छा परिवार है परिवार मैं माँ है पिता है 1 भाई है और 2 बहन है।और पैसों की भी कोई कमी नहीं है हर तरह से भरा पूरा परिवार है.. मैंने उनसे बात की है उन्हें नेहा बिटिया पसंद है वो इस रिश्ते के लिए तैयार है,
अपने कमरे के दरवाजे के पीछे खड़ी नेहा ये सुनकर झेंप गयी शर्म की हवा उसके मासूम चेहरे पर लहराने लगी वो दरवाजे से और सिमटकर खड़ी हो गयी …..
ठीक है बात आगे बढाइये -राजन ने कहा- मैंने भी अपने जानकारों मैं पता किया है अच्छा परिवार है पूरा काम अब उनका बेटा निहाल ही देखता है
दोनों परिवारों मैं फ़ोन पर बात पक्की हो गयी,,,,अगले दिन लड़के वालो को रिश्ता लेकर लड़की के घर आना था. पर ये अभी तक एक राज़ बना हुआ था की आखिर उस लिफाफे को पंडित के घर तक पहुँचाया किसने कौन है जो सामने नहीं आना चाहता है और अगर कोई सुभचिन्तक है तो सामने क्यों नहीं आ रहा आखिर वो चाहता क्या है ?
हजारों सवालों को अपनी आगोश में लिए वो रात अजीब सी सनसनाहट पैदा कर रही थी
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