(In today’s world, everybody is suffering from depression because of broken relationships, work tension in office and their lifestyle, read Hindi poem Depression – A Silent Killer)
हर कोई डूब रहा है …..कहीं किसी कोने में ,
बढ़ती हुई रिश्तों की ….अनगिनत दूरियों में ।
एकाकी परिवार हो रहे हैं …..आजकल शहरों में ,
जहाँ बच्चे भी असफल हो रहे हैं …..अपने सपने संजोने में ।
तन्हाईयाँ बढ़ने लगती हैं जब …..जीवन के इस कोने में ,
तब Depression घर कर लेता है …….इस उम्र के बिछौने में ।
छोटे-छोटे कमरों की ….चारदीवारी के साए में ,
एक रोशनदान और खिड़की ही बचती है ……..अब फ़िज़ायों में ।
माँ-बाप को Depression है ……..अपनी संतान के भविष्य को सच करने में ,
संतान डूब रही है ……..अपने माँ-बाप के सपनो को पूरा करने में ।
बुजुर्गों को Depression होता है …….किसी का साथ ना पाने से ,
और वातावरण प्रदूषित हो रहा है ……इस Depression के काले साए से ।
पहले ये शब्द कभी किसी एक आध की ……जुबां का मोहताज़ था ,
परन्तु अब तो हर दूसरे व्यक्ति के सर पर ……Depression होने का ताज़ है ।
सरकार भी अपील करने लगी है ……कि Depression से मुक्त रहो ,
क्या करे वो बेचारी ……जब उसके ही मंत्री इसका फल भुगत रहे ।
Depression होने पर ……कोई अज्ञातवास में डूबा चला जाता है ,
और कोई उसे कम करने के लिए ……..नशे को गले लगाता है ।
कोई खा-खा कर Tablets …….अपने Depression के गीत गाता है ,
तो कोई Status Symbol के लिए ……खुद को Depress पाता है ।
छोटे-छोटे बच्चे अपने Exam की Tension से …..Depress हो जाते हैं ,
और महिलाएँ रोज़ की एक तरफा ज़िन्दगी के चलते …….इसे झेलने की आपबीती सुनाती हैं ।
कारण चाहे जो भी ही ……परन्तु Depression आजकल बन गया ………एक नयी बीमारी है ,
जिसका मूलभूत कारण …….शहरों की संकुचित होती …….जीवन जीने की एक नयी तयारी है ।
जब जिंदगी एक मशीन की भाँति ……सिर्फ एक धुरी पर घूमती जाएगी ,
तब Depression की बात हमारे मन में …….खुद~ब ~खुद घर कर जाएगी ।
इसलिए जरूरी है अब ……खुली हवायों में साँस लेना ,
अपनी रोबोट नुमा जिंदगी को ……एक मानव होने की पहचान देना ।
वरना बहुत जल्द ही ये संसार Depress होकर …….शून्य में चला जाएगा ,
और फिर से मानव …..अपने विलीन होते अंश को ……ढूँढने में जुट जाएगा ।।
***