अधुरा – दिल
दिल अधुरा तुम बिन मेरा
तेरे नाम से धडकता रहे
बिखरा ये टुटे कांच सा
फिर क्यूँ चाहे सिर्फ तुम्हे…..
बेखबर था ये नादान था
अंजाम से हि अंजान था
दिल ये मेरा तुझे हि पुकारें
जिंदा हुँ में सिर्फ तेरे सहारे
धडके ये दिल तेरे सहारे……..||1||
दिल अधुरा तुम बिन मेरा
तेरे नाम से धडकता रहे
अधुरा सा है ये समा
अधुरी सी है ये बातें
याद तेरी अब हरपल में
कुछ अधुरी सी तुम बिन मैं
गुमसुम सी तुम बिन मैं……..||2||
दिल अधुरा तुम बिन मेरा
तेरे नाम से धडकता रहे
कैसी है ये दिल कि लगी
होठो पे चुप्पी सी आँखों में नमी
है हाल-ए-दिल अब ये मेरा
हरपल मुझमे लगे तेरी कमी
महसूस होती मुझे तेरी कमी……..||3||
दिल अधुरा तुम बिन मेरा
तेरे नाम से धडकता रहे
कभी सोचा ना ऐसा हो जाएगा
तू छोड मुझे चला जाएगा
याद तेरी हरदम सताती है
ये राहे तुझे पुकारती है
मंजिल तुझे पुकारती है……..||4||
दिल अधुरा तुम बिन मेरा
तेरे नाम से धडकता रहे
तुझे चाहना मेरा दोष नही
ना पाना तुझे सजा हो गई
दिल्लगी से डरे अब ये दिल
जुदाई ये तेरी मौत बन गई
जिंदगी ये मौत बन गई……..||5||
दिल अधुरा तुम बिन मेरा
तेरे नाम से धडकता रहे
बेजूबान सा ये दिल मेरा
पूछे इसकी खता थी क्या
जिसकी मिली मुझे ये सजा
यही है इन्साफ तेरा क्या
रब ये इन्साफ तेरा क्या……..||6||
दिल अधुरा तुम बिन मेरा
तेरे नाम से धडकता रहे
दिल अधुरा तुम बिन मेरा
तेरे नाम से धडकता रहे
बिखरा ये टुटे कांच सा
फिर क्यूँ चाहे सिर्फ तुम्हे…….
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