अनजान डगर में चलना संभल-संभल के ,
अनजान डगर की क्या हो खबर चलते-चलते ,
अनजान डगर में बहके कदम ,
अनजान डगर फिर लगती भरम ,
अनजान डगर में चलना संभल-संभल के ।
अनजान डगर खतरों से भरी ,
खो जाओ जो इसमें तो पाओ ज़मीं ,
अनजान डगर में करना भरोसा किसी पे ,
अनजान डगर में मिलता धोखा किसी से ,
अनजान डगर में चलना संभल-संभल के ।
अनजान डगर लगती है प्यासी ,
अनजान डगर में ना हो उदासी ,
अनजान डगर में मिलती है मस्ती किसी से ,
अनजान डगर में बहके कदम धीरे से ,
अनजान डगर में चलना संभल-संभल के ।
अनजान डगर होती नशीली ,
थोड़ी कटीली , थोड़ी रसीली ,
अनजान डगर में तरसती निगाहें किसी की ,
अनजान डगर में लिपटी हैं बाहें किसी की ,
अनजान डगर में चलना संभल-संभल के ।
अनजान डगर चाहत का घेरा ,
मगर इसमें ना हो वो रस्मों का फेरा ,
अनजान डगर में होती हैं साँसें किसी की ,
अनजान डगर में होते हैं सपने किसी के ,
अनजान डगर में चलना संभल-संभल के ।
अनजान डगर कभी है तराना ,
कभी ये बन जाए कोरा फ़साना ,
अनजान डगर में जीने की तलब है फिर भी ,
अनजान डगर में पीने की चाह है फिर भी ,
अनजान डगर में चलना संभल-संभल के ।
अनजान डगर सपनो की नगरी ,
अनजान डगर मिटटी की गगरी ,
अनजान डगर में जीते हैं अरमान किसी के ,
अनजान डगर में खिलते हैं फूल और भँवरे ,
अनजान डगर में चलना संभल-संभल के ।
अनजान डगर में सम्भलो तो हो जाए उजाला ,
अनजान डगर में गिरे तो सबका मुँह काला ,
अनजान डगर में साँसें अटकती किसी से ,
अनजान डगर में बातें उलझती किसी से ,
अनजान डगर में चलना संभल-संभल के ।
अनजान डगर जीवन की गहराई ,
अनजान डगर एक कड़वी सच्चाई ,
अनजान डगर मिलती है बस किस्मत से ,
अनजान डगर का खेलो हर दाँव फिर मन से ,
अनजान डगर में चलना संभल-संभल के ।।
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