चल एक कहानी बनके …… छप जाएँ यहाँ हम दोनों ,
तू शब्द बने ……. मैं मात्रा उसकी ,
तू पात्र बने …… मैं संवाद उनके ,
तू गर आरम्भ हो ……. तो मैं एक अंत उसका ,
बस हो मगर उसमे …… सिर्फ हम दोनों का किस्सा ,
चल एक कहानी बनके …… छप जाएँ यहाँ हम दोनों ।
उस कहानी में हो …… अपने मिलन की सच्चाई ,
और झूठी-सच्ची ……. कुछ अपनी रुस्वाई ,
थोड़ी पिछले जनम की …… गहरी बातें ,
थोड़ी इस जनम की ……. रूमानी रातें ,
जिसमे बसता हो …… सिर्फ हम दोनों की आँखों का सपना ,
चल एक कहानी बनके …… छप जाएँ यहाँ हम दोनों ।
कहानियाँ अक्सर लोग …… दिलचस्पी से पढ़ते ,
गर होते हैं उनमें ……. कुछ गहरे राज़ दिल के ,
अपनी कहानी में छिपा हो …… एक ऐसा राज़ गहरा ,
जिसमे लगा हो ……. सात तालों का पहरा ,
जुड़ते हो जहाँ …… सिर्फ हम दोनों के रिश्ते घनेरे ,
चल एक कहानी बनके …… छप जाएँ यहाँ हम दोनों ।
तू मेरी कहानी का …… राजा कहलाए ,
मैं उस कहानी की ……. रानी बनूँगी ,
सारी हुकूमत तब …… हम दोनों की होगी ,
जीते जी हम दोनों को …….ये दुनिया पढ़ेगी ,
लिखे जाएँगे तब …… सिर्फ हम दोनों के नामो के अक्षर सुनहरे ,
चल एक कहानी बनके …… छप जाएँ यहाँ हम दोनों ।
उस कहानी का अंत हो …… इतना नशीला ,
कि हर पढ़ने वाला ……. बने और रँगीला ,
हर कोई उसकी …… हक़ीक़त को माँगे ,
उस कहानी के पात्रों से ……. मिलने की ठाने ,
और तब हम दें …… सबको एक सन्देश सुरीला ,
चल एक कहानी बनके …… छप जाएँ यहाँ हम दोनों ।
हम दोनों की कहानी …… सौ सालों तक जिए ,
अपने अधूरे मिलन का किस्सा ……. रोज़ पूरा करे ,
कोई समझ ना सके …… उस कहानी की गहराई ,
जिसमे तुम थे , मैं थी ……. और थी शब्दों की लिखाई ,
ऐसी कहानी को तब …… क्या नाम देंगे ये दुनियावाले ?
चल एक कहानी बनके …… छप जाएँ यहाँ हम दोनों ।
मैंने नाम दिया …… उस कहानी को ” एक एहसास ” ,
जिसमे तुम थे , मैं थी ……. और थी एक मिलने की आस ,
वो आस कभी भी …… पूरी ना हुई ,
वो प्यास सालों तक ……. यूँ ही अधूरी ही रही ,
मगर फिर भी जिया उसमे …… एहसासों का रिश्ता हमारा ,
चल एक कहानी बनके …… छप जाएँ यहाँ हम दोनों ।।
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