This Hindi poem highlights the Love in which the beloved did not send any message to Her Lover and waiting for His company silently, but she was surprised to see that why His Love did not fade during Her waiting period.
ना कोई खबर , ना कोई सन्देश तुमको ………. भेजा हमने यार ,
पता नहीं क्यूँ फिर भी जाता नहीं ……… दिल से तुम्हारा वो प्यार ?
ये जरूरी नहीं कि हम हैं किसी ……… सन्देश के मोहताज़ ,
ये जरूरी है बस कि हम हैं तेरी ……… वफाओं के सरताज़ ।
एक भरोसा है हमको तुम पर ……… इसलिए नहीं दिया कोई सन्देश ,
पता नहीं क्यूँ फिर भी उड़ा जाता है ये दिल ………तेरे संग परदेश ?
बहुत सुन्दर सा मन था तेरा ……ये सोचकर जाना ,
जिसमे बसा होता था अक्सर ……मेरे दिल का फ़साना ।
हर बार दिल उस फ़साने को ……… आबाद कर गया ,
जो कुछ बाकी था कभी ……… तेरे पहलू में रख गया ।
एक सवाल मेरे अंदर भी तब ……पैठा था मेरे यार ,
पता नहीं क्यूँ फिर भी जाता नहीं ……वो भोला सा इकरार ?
ना तुम करो सवाल कभी ………. सन्देश का हमसे ,
ना हम करें गिला कभी …………. ना मिलने का तुमसे ।
जब जी में आया तब ही तुमको ………. भेज दिए सन्देश हज़ार ,
पता नहीं क्यूँ फिर भी रहते हो ………. मेरे बनकर तुम यार ?
सन्देश तो एक बहाना है ………. तेरा साथ पाने का ,
तेरा अक्स साथ रहता है ……… हर वक़्त तेरा ख्याल लाने का ।
बहुत सच था तेरी बातों में ………. अब ये सोचकर जाना ,
जिसमे भरा होता था अक्सर ………मेरे वजूद का तराना ।
ना कोई ख़ुशी , ना कोई गम तुमको ……… सुनाया अपना हमने यार ,
पता नहीं क्यूँ फिर भी तेरी यादों में ……… ये दिल करता सात समुन्दर पार ?
जिस दिन ये जिस्म रो पड़ेगा ………तेरी याद की खातिर ,
उस दिन फिर सन्देश देंगे तुझे ………. अपने साथ का काफ़िर ।
मजबूर~ ए ~ हालात ना होते अगर ………. मेरे दिल का आईना ,
तो क़ैद कर लेते तुम्हे ……… इस जिस्म में बेपनाह ।
ना कोई तड़प , ना कोई कशिश तुमको ……… अपनी भेजी हमने यार ,
पता नहीं क्यूँ फिर भी जाता नहीं ……… दिल से तुम्हारा वो प्यार ?
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