सुबह नहीं , शाम नहीं ……… मुझे तारों की बारात दे दो ,
गर देना ही चाहते हो मुझे कुछ ……… तो बस अपना एक ख्याल दे दो ।
तुमसे दिल मैंने लगाया …… पर अब तक मुझे यकीं ना आया ,
कि कैसे मेरे दिल पर तुमने ……. अपना अधिकार जमाया ,
सात फेरे नहीं , ढेरों सपने नहीं ……… मुझे अपने साथ का हिसाब दे दो ,
गर देना ही चाहते हो मुझे कुछ ……… तो बस अपना एक ख्याल दे दो ।
हर इश्क़ में एक आह निकले …… ये जरूरी तो नहीं ,
हर इश्क़ में दो जिस्म पिघलें ……. ऐसा सबका नसीब नहीं ,
ढेरों खुशियाँ नहीं , थोड़े गम नहीं ……… मुझे बस जीने का एक जवाब दे दो ,
गर देना ही चाहते हो मुझे कुछ ……… तो बस अपना एक ख्याल दे दो ।
मैं हर वक़्त तुम्हारे आने पर …… जिस एहसास को महसूस करूँ ,
उस एहसास में तुम्हे बिन छुए ही ……. अपनी आत्मा सम्पूर्ण करूँ ,
एक तड़पन नहीं , एक छुअन नहीं ……… मुझे बस अपने संग वक़्त बिताने का एक अधिकार दे दो ,
गर देना ही चाहते हो मुझे कुछ ……… तो बस अपना एक ख्याल दे दो ।
मैंने तुमसे ज्यादा कहीं तुम्हारी ……सोच से प्यार किया था ,
उसी सोच में उतर जाने को ……. मैंने अपना सर्वस्व तुम्हे सौंपा था ,
कोई मस्ती नहीं , कोई बंधन नहीं ……… मुझे बस अपनी सोच का एक सागर दे दो ,
गर देना ही चाहते हो मुझे कुछ ……… तो बस अपना एक ख्याल दे दो ।
मैं उतार लूँगी उस ख्याल से ही ……तुम्हे अपने तन और मन में ,
मैं सँवार लूँगी उस ख्याल से ही ……. खुद के जीवन को पल भर में ,
कोई उम्मीद नहीं , कोई जागीर नहीं ……… मुझे बस खुद को बुलाने का एक तार दे दो ,
गर देना ही चाहते हो मुझे कुछ ……… तो बस अपना एक ख्याल दे दो ।
लोग रिश्तों में बँधकर के अक्सर …… रिश्तों में ही मर जाते हैं ,
हम बिन रिश्ता कोई तुमसे बाँधे ……. तुम्हारे वज़ूद से ही तर जाते हैं ,
कोई रिश्ता नहीं , कोई बँधन नहीं ……… मुझे बस अपना एक वज़ूद दे दो ,
गर देना ही चाहते हो मुझे कुछ ……… तो बस अपना एक ख्याल दे दो ।
सुबह नहीं , शाम नहीं ……… मुझे तारों की बारात दे दो ,
गर देना ही चाहते हो मुझे कुछ ……… तो बस अपना एक ख्याल दे दो ।।
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