Gazal…tumse muhabbat ki khwahish…-
Love is the most beautiful feeling but its not always possible that we love someone and got the same in reward. Sometime its one sided and sometime its someone’s time and situation that stop him or her to accept love. At the same time love is beyond any boundations and situations. Even it blossoms more in worst situations. true love is all that one needs and it never dies with time. True love never demand anything but love love and love….
तुम ना चाहो मुझे तो यह मेरा मुक़द्दर है,
तुमसे मुहब्बत की ख्वाहिश है मेरी मगर, और कोई बात नहीं….
नाकिस हूँ मैं तेरे बगैर फ़ुर्सत-ए-हस्ती तलक,
तू साथ है तो क़ामिल है मेरी मार्ग भी,
तुम गौर फर्माओ की रहो तगफूल्ल इस से,
ना समझो मेरी चाहत को तो ये मेरा मुक़द्दर है,
तुमसे मुहब्बत की ख्वाहिश है मेरी मगर , और कोई बात नही…..
क़ू-ए-यार में गुज़ार दूं तमाम उम्र अपनी,
ये हक़ तो मुझसे तुम ले नही सकते कभी,
मैं तुम्हारी हू मेरे लिए इस से बड़ी कोई बात नहीं,
मैं कुछ नहीं तेरे लिए तो ये मेरा मुक़द्दर है,
तुमसे मुहब्बत की ख्वाहिश है मेरी , और कोई बात नही…..
कोई ज़ोर तो नही मुहब्बत पर, ना खुद का और ना खुदाई का,
क़ज़ा में मेरे तड़प ही सही और दर्द तुझसे जुदाई का,
मेरे लिए मगर मेरी कुल हयात रहोगे तुम,
तुम्हारी ज़िंदगी में मैं मगर
एक क़तरा तक नहीं तो ये मेरा मुक़द्दर है,
तुमसे मुहब्बत की ख्वाहिश है मेरी, और कोई बात नहीं……
कुछ दिन हुए, चाँद चुपके से आकर
मेरे पहलू में सोया करता था
नम आँखों में कुछ भीगे से लम्हे थे
कुछ मदमस्त ख्वाहिशों के गीत भी
इक़रार तकरार का बहकापन, कभी हार भी कभी जीत भी
कुछ तेज़ धड़कने होती थी, कुछ महकती खुश्बू साँसों की
मेरी पलकों पर वो अपने कई ख्वाब संजोया करता था
कुछ दिन हुए…चाँद चुपके से आकर, मेरे पहलू में सोया करता था
और आज……..
एक ख्वाब कभी चुपके से आकर, मेरे पहलू में रोया करता है….
अब ना चाँद है ना चाँदनी उसकी,
मेरे आगोश में एक अंधेरा सा खोया रहता है
दूर कहीं आसमान में नज़र जाती है कभी तो
दरख़्त के पीछे खड़ा
चाँद अकेला रोया करता है
दरख़्त के पीछे खड़ा चाँद अकेला रोया करता है….
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निधि
चंद्रपुर, महाराष्ट्र