जाना चाहते हो तो जाओ ……. नहीं हमने रोका ,
बस इतना याद रखना ……… नहीं था हमारी वफाओं में धोखा ।
जाना चाहते हो तो जाओ ……. नहीं हमने रोका ………
हाथ तुमने बढ़ाया था पहले ……. चलते थे जब हम अकेले ,
तुम्हारा हाथ जो हमने थामा ……… महंगा पड़ा ये दिल लगाना ।
जाना चाहते हो तो जाओ ……. नहीं हमने रोका ………
कुछ पल की ख़ुशी जो मिली थी ……. कुछ पल में वो मिटी थी ,
फिर छाया नफरत का घना कोहरा ……… जिसको जितना भुलाएँ उतना थोड़ा ।
जाना चाहते हो तो जाओ ……. नहीं हमने रोका ………
आना-जाना ही तो है जीवन का ……. एक मूल सत्य अकेला ,
बस साथ किसी का कुछ पलों का ……… ला देता जीवन में सवेरा ।
जाना चाहते हो तो जाओ ……. नहीं हमने रोका ………
रुकने वाले होते जो तुम ……. तो कब का तुम्हे रोक लेते ,
थोड़े सपने रँगीले संजोते ……… थोड़े सपनों को हम छीन लेते ।
जाना चाहते हो तो जाओ ……. नहीं हमने रोका ………
तुमने खुद ही किनारा किया था ……. क्यूँ अब फिर दुबारा इशारा किया था ,
तुम्हारे हर अब इशारे से ……… इस दिल ने किनारा किया था ।
जाना चाहते हो तो जाओ ……. नहीं हमने रोका ………
हम पहले भी वहीँ खड़े थे ……. हम आज भी वहीँ खड़े हैं ,
इन छोट-मोटे तूफानों से ……… अब हम नहीं डरते हैं ।
जाना चाहते हो तो जाओ ……. नहीं हमने रोका ………
सौदेबाज़ी दिलों की अक्सर ……. वही शख्स जीतते हैं ,
जिनकी फितरत में हो सच्चाई ……… और जिनके इरादे नेक होते हैं ।
जाना चाहते हो तो जाओ ……. नहीं हमने रोका ………
तुम्हारे जाने पर ना निकले ये आँसू ……. हमें पता था कि तुम दगा दोगे ,
क्योंकि सूरतों से ज्यादा तुम ……… सीरतों का इम्तिहाँ हमें दोगे ।
जाना चाहते हो तो जाओ ……. नहीं हमने रोका ………
हर इम्तिहाँ तुम्हारा खरा था ……. हर इम्तिहाँ हमारा नया था ,
क्योंकि ऐसे नए मेहमानों से ……… रिश्ता अब हमारा घना था ।
जाना चाहते हो तो जाओ ……. नहीं हमने रोका ………
पहल क्योंकि तुम्हारी हुई थी ……. इसलिए अब अंत हमारा ही होगा ,
तुम्हारे जाने पे देखो ……… एक मुक़द्दर हमारा अब नया बनेगा ।
जाना चाहते हो तो जाओ ……. नहीं हमने रोका ………
जाना चाहते हो तो जाओ ……. नहीं हमने रोका ,
बस इतना याद रखना ……… नहीं था हमारी वफाओं में धोखा ।।
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