कभी दिल कहे कि मैं जीऊँ ………. तेरे बिन ,
कभी नज़र ……. तेरे दीदार की तड़प माँगे ।
कभी दिल कहे कि मैं पीऊँ ………. तेरे बिन ,
कभी ये जाम ……. तेरे घूँट की तलब माँगे ।
कभी दिल कहे कि भुला दूँ ………. अपनी मुलाक़ातें ,
कभी ये मिलन के तेरे संग बिताए ……. वो लम्हे माँगे ।
कभी दिल कहे कि रोक लूँ ………. खुद को ,
कभी ये मचलने की ……. वो कसक माँगे ।
कभी दिल कहे कि तू है ……… एक सपना ,
कभी ये उस सपने को हक़ीक़त में बदलने की ……. दुआ माँगे ।
कभी दिल कहे तेरी बातों को ………. एक कोरा नशा ,
कभी उस नशे में अपनी परछाई की ……. सूरत ताके ।
कभी दिल कहे तुझे ……… छलिया मैला ,
कभी तेरी सच्चाई के दम पर ……. अपनी कीमत आँकें ।
कभी दिल कहे ………. तुझे गरजता बादल ,
कभी ये तेरी बरसात में भीगने की ……. एक झड़ी माँगे ।
कभी दिल कहे कि तोड़ दूँ तुझसे ……… सारे रिश्ते-नाते ,
कभी ये तुझसे सारे रिश्ते-नाते निभाने की …….कसमें माँगे ।
कभी दिल कहे रुकने को यहीं ………. इस ज़मीं पर ,
कभी ये भागने को तेरे संग कहीं ……. एक जगह तराशे ।
कभी दिल कहे तेरे साथ को ……… एक पापी नगरी ,
कभी ये उस नगरी की बादशाहत में तेरे संग मचले ……. अरमानों को लाके ।
कभी दिल कहे तेरा साथ है ………. एक लहरों का तूफ़ाँ ,
कभी ये उसमे डूबने को ……. एक लहर माँगे ।
कभी दिल कहे तुझे जाने को बार-बार ……… दूर खुद से ,
कभी ये तुझे पास आने को ……. बार-बार पुकारे ।
कभी दिल कहे खुद को ………. उलझा हुआ माँज़ा ,
कभी ये सुलझी हुई डोर की एक पतंग ……. बनके भागे ।
कभी दिल कहे तुझे ………. निकम्मा – आवारा ,
कभी ये तेरी आवारगी में ……. खुद को आवारा बनाके भागे ।
कभी दिल कहे जीना आसान है बहुत ……… तेरे बिन ,
कभी ये तुझे हर पल अपनी साँसों में समाने की ……. गुज़ारिश से नवाज़े ।
कभी दिल कहे कि मैं जीऊँ ………. तेरे बिन ,
कभी नज़र ……. तेरे दीदार की तड़प माँगे ।।
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