कहना तो चाहता हूँ, पर क्या कहूँ
कि तुमसे प्यार करता हूँ,
हर वक़्त, हर लम्हा, हर पल तुम्हारा इंतज़ार करता हूँ,
हर रात तारों से अपनी चाहत का इज़हार करता हूँ,
कहना तो चाहता हूँ, पर क्या कहूँ
कि तुमसे प्यार करता हूँ,
हर सांस में तुम्हे महसूस करने की चाहत करता हूँ
हर दिल के कोने में तुम्हें बसा कर तुम्हें पाने का एहसास करता हूँ
कहना तो चाहता हूँ, पर क्या कहूँ
कि तुमसे प्यार करता हूँ,
हर ज़र्रे से तुम्हारी ख़ुशी की गुज़ारिश करता हूँ
हर वक़्त तुम्हारे ख्यालों में डूबा रहता हूँ
कहना तो चाहता हूँ, पर क्या कहूँ
कि तुमसे प्यार करता हूँ,
हर रोज़ तुम्हारी जुल्फों से खेलना चाहता हूँ,
अपनी रूह से तुम्हारी रूह को छूना चाहता हूँ,
कहना तो चाहता हूँ, पर क्या कहूँ
कि तुमसे प्यार करता हूँ,
हर दिन तुम्हारे दिल की गहराइयों में डूबने की तमन्ना करता हूँ
अपने जिस्म की हर एक हरार्रत में तुम्हें पाना चाहता हूँ
कहना तो चाहता हूँ, पर क्या कहूँ
कि तुमसे प्यार करता हूँ,
हर साल, हर जन्म, हर दिन तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूँ
सच कहूँ तो तुम्हें ही बस, तुम्हें ही मैं अपना बनाना चाहता हूँ
कहना तो चाहता हूँ, पर क्या कहूँ
कि तुमसे प्यार करता हूँ,
हर रोज़ यही कहने की हिम्मत करता हूँ
अपने दिल के हालातों को अहसासों में बदलने की चाहत करता हूँ
कहना तो चाहता हूँ, पर क्या कहूँ
कि तुमसे प्यार करता हूँ,
पर तुम्हें देख कर सब भूल जाता हूँ
और तुम्हारी आग़ोश में बस यूँ ही खो जाता हूँ
पर सच कहूँ तो तुम्हारी आँखों में खुद को देखना चाहता हूँ
तुम खुद क्यों नहीं समझ जाती कि
मैं क्या कहना चाहता हूँ
मैं सिर्फ तुम्हें पूरी कायनात से दूर लेजा कर प्यार करना चाहता हूँ
और अपनी ज़िन्दगी तुम्हें बनाना चाहता हूँ……………
कहना तो चाहता हूँ, पर क्या कहूँ
कि तुमसे प्यार करता हूँ,
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