करके देखो मोहब्बत हमसे ,
मोहब्बत की हर अदा मिलेगी ,
करोगे शरारत जो फिर तुम हमसे ,
शरारत को तुम्हारी कोई जगह ना मिलेगी ।
करके देखो मोहब्बत हमसे ,
मोहब्बत की हर अदा मिलेगी ……….
कहना हमें जो कहना चाहो ,
सुनेंगे सब हम आँखें मीचे ,
ओड़ के चादर शर्म~ ओ ~ हया की ,
खुद को अपने अंदर खींचे ।
करके देखो मोहब्बत हमसे ,
मोहब्बत की हर अदा मिलेगी ……….
लबों से टपकेगा अंगूरी रस ,
लगाना तुम उसमे चाहे जितने कश ,
जब भर जाए दिल ये तुम्हारा ,
तब देंगे तुम्हे एक और श्रृंगार रस ।
करके देखो मोहब्बत हमसे ,
मोहब्बत की हर अदा मिलेगी ……….
हौले-हौले से अपने गले से लिपटाना ,
और बाहों में जकड़ने का एहसास पाना ,
जाना चाहोगे गर भी तब तुम ,
जा ना सकोगे ऐसा होगा निशाना ।
करके देखो मोहब्बत हमसे ,
मोहब्बत की हर अदा मिलेगी ……….
खींचोगे जब तुम इस तन से दुपट्टा ,
छिपेंगे तब तुम्हारे सीने में आकर ,
सुनने तुम्हारी बेइन्तहाँ फ़रमाईश ,
रखेंगे लज़्ज़ा का पर्दा छिपाकर ।
करके देखो मोहब्बत हमसे ,
मोहब्बत की हर अदा मिलेगी ……….
जब तक तुम्हारा दिल ना भरेगा ,
तब तक ये यौवन यूँ ही खिलेगा ,
जब तुम कहोगे जाने को हमसे ,
तब एक बार की ये ज़िद और करेगा ।
करके देखो मोहब्बत हमसे ,
मोहब्बत की हर अदा मिलेगी ……….
धरती-अम्बर के मिलन की भाँति ,
अपने मिलन की भी बजेगी एक शहनाई ,
डूबेंगे तब हम-तुम इस तरह से ,
जैसे डूब गई सागर में परछाई ।
करके देखो मोहब्बत हमसे ,
मोहब्बत की हर अदा मिलेगी ……….
जितने दीवाने हो मेरे तुम दिलबर ,
उतनी दीवानी मैं भी तुम्हारी ,
आधे-अधूरे मिलन से ना लिखना ,
अपने मिलन की पूरी कहानी ।
करके देखो मोहब्बत हमसे ,
मोहब्बत की हर अदा मिलेगी ……….
मेरी अदाएँ तुम्हारे लिए बनी हैं ,
तुम्हारी नीयत की करती अगुवाई ,
चले आना जब ये नीयत ना संभले ,
देंगे तुम्हे अपनी अदा की गहराई ।
करके देखो मोहब्बत हमसे ,
मोहब्बत की हर अदा मिलेगी ……….
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