तूने आकर के मेरा सब कुछ जगा दिया ………….
ये दिल जगा दिया ……… ये ज़िगर जगा दिया ,
ये अरमां जगा दिए ………. ये नशा जगा दिया ,
मेरे लबों को खिला दिया ……… मेरी धड़कन को जगा दिया ,
तेरी नज़र से नज़र मिलते ही ……… मैंने सुकूँ सा था पा लिया ,
तूने आकर के मुझे नशे का वो जाम पिला दिया ,
तूने आकर के मेरा सब कुछ जगा दिया ।
मैं तो कहीं सोया पड़ा था ……… अपनी धुन में खोया पड़ा था ,
तुझे भुला गम में डूबा ………. बेबसी में बेबस सा पड़ा था ,
तूने आकर मेरे आगे ……… अपना हाथ बढ़ा दिया ,
मेरे ठन्डे से हाथों पर ………… अपने होने का एहसास जगा दिया ,
तूने आकर के मेरा बेबस सा वो जिस्म हिला दिया ,
तूने आकर के मेरा सब कुछ जगा दिया ।
तू ना होती है तो ……… ये वक़्त बेरहम सा हो जाता है ,
तू जो आती है तो ………. ये वक़्त यहीं पे थम सा जाता है ,
तूने डाले मेरे नैनो में ………. ढेरों सपने न्यारे-न्यारे ,
तेरे इशारे लगते प्यारे ………. कभी मुझको कहते आ रे ,
तूने आकर के मेरा सोया मन बहला दिया ,
तूने आकर के मेरा सब कुछ जगा दिया ।
समझती तू मुझे है यारा ……… अपनी जान से भी ज्यादा ,
पर मैं ही हूँ वो हरजाई ………. जो कर देता तुझे आधा ,
मगर ये वादा है मेरा तुझसे ………. कि जितना तू कहेगी अबसे ,
उससे कहीं दूँगा तुझे ………. प्यार और ज्यादा ,
तूने आकर के मेरा हर अंग लहरा दिया ,
तूने आकर के मेरा सब कुछ जगा दिया ।
जान मेरी मैं नहीं भूला ……… देखो वो प्यार भरी बातें ,
वो तेरी गर्म साँसें ………. वो अपनी साथ बिताई हुई रातें ,
तुझे है कसम ………. उन रातों की सनम ,
कि फिर नहीं होगी ………. अब मेरी-तेरी शरम ,
तूने आकर के मेरी हर शर्म को हटा दिया ,
तूने आकर के मेरा सब कुछ जगा दिया ।
तू चली जाती है ……… तो मैं बेसुध सा कहीं पड़ जाता हूँ ,
तेरे आने पर ………. हर बेसुधी में चहक जाता हूँ ,
कभी सोचूँ ………. कि क्यूँ है मजबूरी ,
फिर कहूँ कि ………. जरूरी है ये थोड़ी दूरी ,
तूने आकर के मुझे हर दूरी का मतलब समझा दिया ,
तूने आकर के मेरा सब कुछ जगा दिया ।
साथ दो पल का सही ……… मगर मैं भी लुट सा गया ,
सच कहूँ तो ……… अपने भरम से कहीं बिक सा गया ,
साथ को समझा तेरे ………. फिर सोचा अच्छे करम है मेरे ,
जो मेरे साथ के लिए ………. तूने बाँधें है अब तक ये फेरे ,
तूने आकर के हर फेरे में मेरा वहम मिटा दिया ,
तूने आकर के मेरा सब कुछ जगा दिया ।।
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