In this Hindi poem the Lover regarded Her beloved as His asset as each and every activity of His Beloved made Him Cool.
तेरे जिस्म की खुशबू के दीदार भर से हमें करार आए ,
बहुत प्यार आए तेरी अदायों पर …..हाँ ,
तेरी अदायों पर हमें बहुत प्यार आए ।
तेरे नशे से भरे दो नैनो को जब देखूँ तो ये जी चाहे ,
उनमे बरसात हो मेरे इश्क की …….हाँ ,
तेरे नैनो की बरसात में हमारा भीगने को जी चाहे ।
तेरे होठ इतने गुलाबी कि उनकी सुर्खी से ये दिल मचल जाए ,
ऐसे रस के भरे प्यालों को पीने का ……..हाँ ,
तेरे सुर्ख लबों के रस को पीने को हमारा भी मन ललचा जाए ।
तेरे नर्म गेसू नागिन से लहरा कर हमें अकसर डस जाएँ ,
उन गेसुओं में उलझकर ……हाँ ,
तेरे नर्म गेसुओं में उलझकर हम विष पीने को भी खुद ही तरस जाएँ ।
तेरी चंचल चपल बातें हमें तेरे सामने मूक सा बना जाएँ ,
तेरे लबों से निकले शब्द ………हाँ ,
तेरी बातों को सुनने की खातिर हम अपनी नींदों को भी काबू कर जाएँ ।
तेरे यौवन की भरी प्यासी लहर अंगड़ाई में और निखर जाए ,
इस तरह तेरे इशारों से …….हाँ ,
तेरे यौवन पर बिखर जाने को ये मेरा दिल बेबस सा हो जाए ।
तेरी भोली सी अदाएँ हमारे दिल को सुकून दे जाएँ ,
हम खुद से अपने दिल को बहलाएँ ……..हाँ ,
तेरे भोलेपन पर अपनी हस्ती को बेदाग़ सा हम करते जाएँ ।
तेरे सपने हमें रातों को भी जीने ना दें और ये दिल घबराए ,
हम सुने तेरी धीमी सी ना-ना ……हाँ ,
हम तेरी धीमी सी ना-ना सुनकर और भी सपनो में खो जाएँ ।
तेरा ख्याल हमें तेरे होने का एहसास देकर करार पा जाए ,
उन ख़यालों को अक्सर तन्हाई में ……हाँ ,
तेरे ख्याल हमें तन्हाई में खुद को खुदी से छीन ले जाएँ ।
तेरे साथ को हम अपनी उमर भर की दौलत बना के मुस्काएँ ,
उस दौलत को कोई क्या लूटेगा ?
तेरे नाम की दौलत को कोई क्या लूटेगा जो हमारे ज़हन में बस्ती जाए ॥
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