This Hindi poem Highlights the plea of the poetess in which She is unable to communicate with His Lover through any communication means in this Modern Era.As Mobile is so popular now a days but still a simple “Miss Call” can made Her life ruined ,so She avoided the same too.
तुमने सोचा था एक दिन लेने को ……जिस “Miss Call” का सहारा ,
और हमारी बेबसी पर तुम ……रुक गए थे यूँही ,
आज हमने भी देखो सोचा था ……उसी “Miss Call” का सहारा ,
पर तुम्हारी फ़िक्र कर हम भी …….रुक गए थे यूँही ।
इश्क इतना दर्द भरा होगा …..ये अब इस तरह से जाना ,
कि “Miss Call” पर टिकी है देखो …..दिल~ए~ बर्बादी अपनी ,
ना इशारा तुम कर सको ….हमें बुलाने का कोई ,
और ना इशारा हम कर सकें …….तुम्हे बुलाने का कोई ।
जब याद आए तुम …..तो बस ख्यालों को अपने दिल में बसा लाए ,
जब कुछ कहने को दिल चाहा ….तो बस अपनी ही धुन में कुछ लिखते चले जाएँ ,
यही पहचान है अपनी …….जिसे हम प्यार कह बैठे ,
यही वो दर्द है जिसमे उलझ ……नया संसार रच बैठे ।
मगर फिर भी है ये अच्छा ….बहुत प्यारा ,बहुत नशीला ,
कम से कम सोच में तुम हो …..यही ख्याल हमें कर देता रंगीला ,
कभी तो खबर लोगे ….जब एक हूक सी उठेगी उधर भी ,
कभी तो इंतज़ार ख़तम होगा ……जब ये साँसे गर्म होंगी इधर भी ।
क्या हुआ जो “Miss Call” भी ……एक सहारा नहीं अपने दरमियाँ ,
क्या हुआ जो हर सन्देश पर सवाल लगा देगी ….ये बेदर्द दुनिया ,
हम फिर भी बिन सन्देश के ……तेरे इश्क को अपनाते जाएँगे ,
वो तेरे साथ बिताए पलों को …..अपनी कहानियों में लिखते जाएँगे ।
छोड़ो भी ,क्यों कहें …….”Miss Call” को भी हम अपना ,
रहनो दो उसको भी बने सन्देश का ……एक अधूरा सपना ,
तुमसे मिलने को ये दिल जिस दिन …..हर उम्मीद के दरवाज़े बंद पाएगा ,
उस दिन “Miss Call” नहीं ……सीधा “Call” करके तुम्हे अपनी आवाज़ से चौंकाएगा ॥
For You Only-
तेरी याद जब -जब आई ……दिल बेबसी के भँवर में गोते खाने लगा ,
ना कोई चिट्ठी ,ना कोई सन्देश ……बस बिन तार के कोई तार जुड़ने की उम्मीद में सज़ा पाने लगा ॥