This Hindi song highlights the Love of a Lover in which He describes His undefined Love to His Beloved and insist Her to bid it at any cost as it is ready to be sell for Her.
नशा ~ ए ~ चाहत ……… नशा ~ ए ~ चाहत ………. नशा ~ ए ~ चाहत ,
तेरी चाहत का ऐसा रंग चढ़ा ……… मैं इसमें डूब गया मेरे यार ,
तू जितना दूर जाए मुझसे ……… मैं उतना और करूँ तुझे प्यार ।
नशा ~ ए ~ चाहत ……… नशा ~ ए ~ चाहत ………. नशा ~ ए ~ चाहत ………
भरके पैमाना तेरे हुस्न का ……… मुझे होश नहीं आए ,
उसे पीने की चाहत में ……… मेरा दिल बेहोश सा हो जाए ।
नशा ~ ए ~ चाहत ……… नशा ~ ए ~ चाहत ………. नशा ~ ए ~ चाहत ………
तेरे सुर्ख गुलाबी होठों पर ……… जब भी नाम मेरा आए ,
ये दिल पागल , दीवाना बनके ……… तेरे आगोश में गश खाए ।
नशा ~ ए ~ चाहत ……… नशा ~ ए ~ चाहत ………. नशा ~ ए ~ चाहत ………
मेरे ज़ाम का आगाज़ है तू ……… उसके छलकने का है अंजाम ,
मैं जब भी पीने लगूँ तो ये दिल धड़क के ……… ले बस तेरा नाम ।
नशा ~ ए ~ चाहत ……… नशा ~ ए ~ चाहत ………. नशा ~ ए ~ चाहत ………
चाहत का रँग होता है बड़ा नशीला ……… इसमें उम्र की दीवार ना हो ,
बस ज़ाम पिलाने वाले का ही ……… ये दिल खादिम बन रो ।
नशा ~ ए ~ चाहत ……… नशा ~ ए ~ चाहत ………. नशा ~ ए ~ चाहत ………
मेरा पैमाना तेरे इंतज़ार का ……… इतना है दीवाना ,
तेरे बिन अब ये छलकता भी नहीं ……… चाहे भर दूँ इसमें सारा मयख़ाना ।
नशा ~ ए ~ चाहत ……… नशा ~ ए ~ चाहत ………. नशा ~ ए ~ चाहत ………
मुझे चाहत का नशा जब से ……… चखने का शौक लगा ,
मैंने मय को तड़पता छोड़ दिया ……… ये दिल तेरी ओर मुड़ा ।
नशा ~ ए ~ चाहत ……… नशा ~ ए ~ चाहत ………. नशा ~ ए ~ चाहत ………
चाहत के दीवाने रोज़ बनते हैं हज़ारों ……… मगर ये दिल उसी का फ़रमान पड़े ,
जो अपनी चाहत को भी कहीं ……… मेरे संग ले खुले आसमान में उड़े ।
नशा ~ ए ~ चाहत ……… नशा ~ ए ~ चाहत ………. नशा ~ ए ~ चाहत ………
तू मेरे नशे की वो दवा है ……… जिसके बिना है ये मयख़ाना अधूरा ,
मैं पीता भी हूँ गर तेरे बिना तो ……… इस मय से ना होता तब ये नशा पूरा ।
नशा ~ ए ~ चाहत ……… नशा ~ ए ~ चाहत ………. नशा ~ ए ~ चाहत ………
नशा ~ ए ~ चाहत मेरा पैगाम लेके ……… तेरी चौखट पे आज बिकने चला है ,
तू खरीदार इसका , जो भी दाम लगा दे ……… ये उसी दाम की कीमत अदा करने पर तुला है ।।
नशा ~ ए ~ चाहत ……… नशा ~ ए ~ चाहत ………. नशा ~ ए ~ चाहत ………