दर्द देके दवा भी ………. पिला जाते हो ,
समा जाते हो ……… मुझमे समा जाते हो ।
मैं बहुत देर तक प्यासी निगाहों से …… तुम्हे तकती रही ,
अपने मन की तपिश में ही …… जलती रही ।
एक इशारे से ही तुम ………. समझ जाते हो ,
प्यास को तब हौले-हौले से ……… मिटा जाते हो ।
दर्द देके दवा भी ………. पिला जाते हो ,
समा जाते हो ……… मुझमे समा जाते हो ।
मैं दर्द लेने की नहीं थी ……… आदी कभी ,
तुमने ना जाने कब इसे ……… अादत में शामिल किया ।
मेरी आदत से अब तुम भी ……… बहल जाते हो ,
बिन कहे ही मुझमे कहीं ………. उतर जाते हो ।
दर्द देके दवा भी ………. पिला जाते हो ,
समा जाते हो ……… मुझमे समा जाते हो ।
काली रातें अँधेरे से ……… मुझे जब डराने लगीं ,
मैं लिपट तुम्हारे सीने से ……… खुद को उसमे छिपाने लगी ।
मेरी तपिश को अपनी तपिश में ……… तुम मिटा जाते हो ,
अपने संग मेरे दर्द को भी ………. सहला जाते हो ।
दर्द देके दवा भी ………. पिला जाते हो ,
समा जाते हो ……… मुझमे समा जाते हो ।
अपने रिश्ते का जब कोई नाम ……… सूझा नहीं ,
मैंने दर्द~ ए~ मसीहा कह ……… तुम्हे था पुकारा ।
तुम दौड़े-दौड़े से मेरे बुलाने पर ……… चले आते हो ,
पहले दर्द देते हो ………. फिर उसे दबा जाते हो ।
दर्द देके दवा भी ………. पिला जाते हो ,
समा जाते हो ……… मुझमे समा जाते हो ।
वादा करके मैं उसको भी ……… निभा ना सकी ,
तुम अपने वादे की कसौटी में ………खरे थे मगर ।
सज़ा~ ए ~ इंतज़ार की नज़र से ……… मुझे बचा जाते हो ,
मेरे मन की गहराई में तब ………. उतर जाते हो ।
दर्द देके दवा भी ………. पिला जाते हो ,
समा जाते हो ……… मुझमे समा जाते हो ।
लोग यूँही नाज़ायज रिश्तों को ……… बुरा हैं कहें ,
गर दवा हो इनमे ……तो बुराई नहीं ।
मेरे डूबते से अरमानों को ……… और जगा जाते हो ,
अपने वजूद से किसी और के वजूद में ………. रँग बिखेर जाते हो ।
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