मेरे कुछ शब्द हैं बेगानों के लिए ……… कुछ अपने कहलाने वालों के लिए ,
बाकी सब हैं सिर्फ तुम्हारे लिए ………. तुम्हारे लिए ।
दे ना सकी और कुछ मैं तुम्हे ……… इन शब्दों के अलावा ,
सोचा था कि तुम करोगे बस इनकी इफ़ाज़त ……… अपनी जान से भी ज्यादा ।
मेरे कुछ गीत हैं तरानों के लिए ……… कुछ मन ही मन गुनगुनाने के लिए ,
बाकी सब हैं सिर्फ तुम्हारे लिए ………. तुम्हारे लिए ।
मैं हर रोज़ तुम्हे अपने दिल में जगह देकर ………ये शब्द लिखती हूँ ,
अपने दिल में मचलते जज़्बातों से ……… इन पन्नों को भरती हूँ ।
मेरे कुछ ज़ज़्बात हैं दुनिया वालों के लिए ……… कुछ मेरे चाहने वालों के लिए ,
बाकी सब हैं सिर्फ तुम्हारे लिए ………. तुम्हारे लिए ।
तुमसे बहुत कुछ सीख के मैंने ……… अब ये मुकाम पाया है ,
कि तुम्हारी सलाह के बिन भी अब ……… मुझे जीना आया है ।
मेरे कुछ मुकाम हैं हक़ीक़त के लिए ……… कुछ मेरे सपनों के लिए ,
बाकी सब हैं सिर्फ तुम्हारे लिए ………. तुम्हारे लिए ।
सोचा नहीं है मैंने अब तक ……… कि इसका अंजाम कभी क्या होगा ,
जब लोग समझेंगे इसे ……… तब क्या ये इश्क़ भी फ़ना होगा ?
मेरे ये इश्क़ है थोड़ा ज़माने के लिए ……… कुछ मेरे पैमाने के लिए ,
बाकी सब हैं सिर्फ तुम्हारे लिए ………. तुम्हारे लिए ।
कसूर मेरा नहीं , कसूर है इस कलम का ……… जो तुम्हारे ख्यालों को , यहाँ पर जगह दे देती है ,
ना चाहते हुए भी ये ……… तुम्हारे रँग में रँगा करती है ।
थोड़ी जगह मेरी कलम की है यहाँ खुद्दारों के लिए ……… थोड़ी सच सुनने वालों के लिए ,
बाकी सब हैं सिर्फ तुम्हारे लिए ………. तुम्हारे लिए ।
मैं इस सदी की नायिका , लिखते-लिखते गर बन गई यहाँ ……… तो क्या होगा ?
तब उस सदी में लोग ढूँढेंगे , तेरे-मेरे निशाँ ……… ये एक मज़ा होगा ।
मेरा कुछ मज़ा है यहाँ लिखने वालों के लिए ……… कुछ पढ़ने वालों के लिए ,
बाकी सब हैं सिर्फ तुम्हारे लिए ………. तुम्हारे लिए ।।
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