तेरे जाने से ही इस दिल को ……… चैन मिलता है ,
तेरे भोले जवाबों से ही ……… ये दिल मचलता है ,
तेरे सच्चे बहाने ……… मेरे झूठे तराने ,
इन दोनों से ही , सच कहें तो …… ये दिल खिलता है ।
तेरे जाने से ही इस दिल को ……… चैन मिलता है ………
खिलती सुबह में तुझे बुलाकर ……… दिन को अपने रंगीन बनाएँ ,
पूरे दिन फिर ना मिलने की ……… मन ही मन हम कसमें खाएँ ,
तेरे आने से ही इस दिल को ……… करार मिलता है ,
तेरे भोले जवाबों से ही ……… ये दिल मचलता है ।
तेरे जाने से ही इस दिल को ……… चैन मिलता है ………
बादल को देखें तो ऐसा लगता है ……… जैसे हम इसमे खोने लगे हैं ,
तेरे ख्यालों में डूब के अक्सर ……… बारिश में भीग , गगन छूने लगे हैं ,
तेरे जाने से ही इस दिल को ……… मुक़ाम मिलता है ,
तेरे भोले जवाबों से ही ……… ये दिल मचलता है ।
तेरे जाने से ही इस दिल को ……… चैन मिलता है ………
तू था अकेला , हम थे अकेले ……… मगर नहीं था ये वक़्त हमारा ,
चलते हुए इस वक़्त को रोकेंगे ……… ऐसा किया था दोनों ने इशारा ,
तेरे उलझे इरादों से ही आसमाँ ……… ये खिलता है ,
तेरे भोले जवाबों से ही ……… ये दिल मचलता है ।
तेरे जाने से ही इस दिल को ……… चैन मिलता है ………
बाहों में हमको , जकड़ोगे जब तुम ……… तब होगा क्या , ये सोच के शरमाएं ,
कैसे बनाएँगे , तब कोई बहाना ……… तेरी अगन को , तब कैसे मिटाएँ ,
तेरे बहके जज़्बातों से ही , इस दिल को ……… संसार मिलता है ,
तेरे भोले जवाबों से ही ……… ये दिल मचलता है ।
तेरे जाने से ही इस दिल को ……… चैन मिलता है ………
कसने लगी जब चाहत की गर्मी ……… हमको तेरे लिए , ओ दिलबर ,
कोरे कागज़ पे , नाम तब तेरा ……… लिखकर उड़ाएँ , उसे नीले गगन पर ,
तेरे नाम से ही तो इस दिल का ……… पन्ना भरता है ,
तेरे भोले जवाबों से ही ……… ये दिल मचलता है ।
तेरे जाने से ही इस दिल को ……… चैन मिलता है ………
तूने जाने की , इज़ाज़त क्यों ली थी ……… हम रोकें भी तो , क्या कहकर रोकें ,
कोई बहाना , जब सूझा नहीं तो ……… तुझे फिर से बुलाने की , तरकीब हम सोचें ,
तेरे जाने से ही इस दिल को ……… दर्द मिलता है ,
तेरे भोले जवाबों से ही ……… ये दिल मचलता है ।
तेरे जाने से ही इस दिल को ……… चैन मिलता है ,
तेरे भोले जवाबों से ही ……… ये दिल मचलता है ।।
***