तेरी सुलझी हुई मोहब्बत में ……… उलझने का जी करता है ,
उलझ-उलझ के उसमे खुद को ………… बदनाम करने का जी करता है ।
कब तलक ऐसे ही ………… इतनी सुलझी हुई दिशा में ……… तुम्हे प्यार करें ,
कभी-कभी खुद को उलझा के ……… तेरे पहलू में तड़पने को ………. ये जी करता है ।
तेरी सुलझी हुई मोहब्बत में ……… उलझने का जी करता है ………..
पहले सोचा था कि ………… महफ़ूज़ होंगे हम ……… इतनी ज़िम्मेदार मोहब्बत से ,
मगर अब गैर ज़िम्मेदाराना ………हरकतें करने को ………. ये जी करता है ।
तेरी सुलझी हुई मोहब्बत में ……… उलझने का जी करता है ………..
काश कि लौट आएें फिर से ………… वो ज़वानी के ……… अल्हड़ दिन ,
क्योंकि अब दिमाग से नहीं ………अपने दिल से सोचने को ………. ये जी करता है ।
तेरी सुलझी हुई मोहब्बत में ……… उलझने का जी करता है ………..
वो ज़वानी की मोहब्बत ………… जो बेबाक थी ……… कभी मचलने को ,
आज उसे नापाक करने को ……… तेरे दामन संग ………. ये जी करता है ।
तेरी सुलझी हुई मोहब्बत में ……… उलझने का जी करता है ………..
तू हर बार खुद के संग ……… मुझे भी रोक के ……… जाने को कहे ,
मेरा हर बार रुकने का ……… तेरे संग तन्हाई में ………. ये जी करता है ।
तेरी सुलझी हुई मोहब्बत में ……… उलझने का जी करता है ………..
मैं जानती हूँ अब ……… उलझने का मतलब ……… सुलझने से ज्यादा ,
तभी सुलझने का नहीं ……… और उलझने का अब ………. ये जी करता है ।
तेरी सुलझी हुई मोहब्बत में ……… उलझने का जी करता है ………..
होने दो ख्वाइश पूरी मेरी ……… अपने वजूद से ……… कहीं अब ज्यादा ,
देख तेरे वजूद से लिपटने का ……… ना सुलझने का अब ………. ये जी करता है ।
तेरी सुलझी हुई मोहब्बत में ……… उलझने का जी करता है ,
उलझ-उलझ के उसमे खुद को ………… बदनाम करने का जी करता है ॥
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