This Hindi poem highlights the sacrifice of a Lover in which He tried to patch up between Her and her husband and made her agreed to returned back to her married Life. Realizing His sacrifice the beloved too thanks His Lover For His nice deed.
अपने पिया की मैं तो ……… बनी रे दुल्हनिया ,
यार ने भेजा मुझे ………उनकी नगरिया ,
ओ मेरे यार तेरा सज़दा ………दिलदार तेरा सज़दा ,
ओ मेरे यार तेरा सज़दा ………दिलदार तेरा सज़दा ।
भोला सा दिल था मेरा ……… भोली सी जात थी ,
अँखियों में पाने की कुछ ……… ठंडी सी आस थी ,
यार को देखा तो ……… एक नशा मुझमे आ गया ,
इश्क़ की गर्मी का वो ……… मर्म समझ आ गया ।
यार मेरा ऐसा सोना ………जिसने ना कोई भूल की ,
पिया की बेरुखी के ………सबब की मुझको सीख दी ,
बोला कि जाओ तुम अब ………हौले से उनके पास ,
धीरे-धीरे खोल दो ………भेद दिल के उनके साथ ।
बाहों को बाहों की ………गर्मी से तोलना ,
अधरों पर उनके अपने ………अधर रख कर सोचना ,
क्या थी कमी भला ………उनके जीवन में आज तक ?
तुम्हारी ही बेरुखी से ………बचते थे वो अब तलक ।
जाओ उनके पास जाओ ………खुद को तुम निचोड़ दो ,
पिया की चाहत के आगे ………गर्म बनके वो कहो ,
जो ना कह सकी थीं तुम ………शब्दों से आज तक ,
उन्हें अब वो सब कहना तुम ………नज़रों से नज़रों तक ।
मेरा प्यार है अधूरा ………इस सच को जान लो ,
इस जनम पिया को ही ………तुम अपना मान लो ,
मैं रहूँगा संग तुम्हारे ………हर घड़ी और हर उस पल ,
जिसमे पुकारोगी तुम ………मुझे होके बेसबब ।
मैंने सीख उसकी देखो ………खुद पर अमल जो की ,
बिना कहे पिया की मैं ………डोर फिर से बनी ,
जो दूरियाँ थी अब तक ………हम दोनों के दरमियाँ ,
उन्हें पूरा कर दिया था मैंने अब ………मेरे यार का शुक्रिया ।
वो ना होता गर संग मेरे ………तो रिश्ता मेरा टूट जाता ,
पिया की गली से ………सदा के लिए ही नाता छूट जाता ,
शुक्रिया मेरे ओ यारा ………मेरा हौसला बढ़ाने का ,
खुद को करके अधूरा ………मेरी ज़िंदगी लौटाने का ।
अपने पिया की मैं तो ……… बनी रे दुल्हनिया ,
यार ने भेजा मुझे ………उनकी नगरिया ,
ओ मेरे यार तेरा सज़दा ………दिलदार तेरा सज़दा ,
ओ मेरे यार तेरा सज़दा ………दिलदार तेरा सज़दा ।
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