This Hindi poem highlights the importance of pure Love in which the beloved converted Her Lovers company into some name and fame. She admitted that She made Herself so strong in Her Lover’s presence that after that when She wrote the same in Her writings then the unknown people too thanked Her for Her great work.
मैंने तेरे साथ को सहारा बना …… खुद को इतना बुलंद किया ,
कि अनजान चेहरे भी करते हैं अब …… मेरे लेखों का शुक्रिया ।
उन्हें ये इल्म भी होता नहीं …… कि इसमें छिपी है तेरी कोई ग़ज़ल ,
मगर वो फिर भी करते रहते हैं ………. मेरी हर उम्मीद को सफल ।
मुझमे एक हौसला ~ए~ हिम्मत भरने की ……… जो किरण तूने थी दिखाई ,
उस किरण से ही मेरे अंदर है ……… एक सोच नई समाई ।
उसी सोच को मैंने आगे बढ़ा ………. खुद को इतना बुलंद किया ,
कि अनजान चेहरे भी करते हैं अब …… मेरे लेखों का शुक्रिया ।
साथ किसी का मिलता है अगर ……… चाहे दो पलों के लिए ,
तो समझदार लोग उसी साथ में ढूँढ लेते हैं ………. ज़िंदगी के फ़लसफ़े ,
मैंने भी हर बार तेरे साथ से …… अपने जीने को एक नया रंग दिया ,
कि अनजान चेहरे भी करते हैं अब …… मेरे लेखों का शुक्रिया ।
अक्सर जब कोई मेरे लेखों को पढ़ ……… देता है मुझे दाद ,
तो मैं अपने मन ही मन ओ जाने जां ………. करती हूँ तुम्हे याद ,
कि किस तरह से तेरे साथ ने ………. मुझ पर अपना ऐसा जादू किया ,
कि अनजान चेहरे भी करते हैं अब …… मेरे लेखों का शुक्रिया ।
मेरी सफलताओं को ………एक नया जामा पहनाने वाले ,
मैंने अब से किया ये जिस्म और जान ………. सब तेरे ही हवाले ,
क्योंकि तूने मेरे दिल में बस कर ……… मुझको इतना बदल दिया ,
कि अनजान चेहरे भी करते हैं अब …… मेरे लेखों का शुक्रिया ।
तेरे संग बिताए वो कुछ लम्हे ………. मैंने रख लिए बना अपनी धरोहर ,
जिनको अक्सर मोती बना …… मैं पिरो देती हूँ किसी माला के अंदर ,
फिर उसी माला को पहना तुझे …… मैंने अपने जीवन को तरंगित इतना किया ,
कि अनजान चेहरे भी करते हैं अब …… मेरे लेखों का शुक्रिया ।।
***