In this Hindi poem the poetess regard those precious moments as Her treasure in which their Love consists .
वो मेरे पल जागीरी के ……जिनमे तू अक्सर साथ होता है ,
बहुत मीठे ……बहुत तीखे …..जिनमे तेरा वक़्त होता है ।
उन पलों की महक ….हरदम मेरे साथ चलती है ,
एक मीठी सी मुस्कान लिए …..इस दिल में उतरती है ।
मैंने सहेज रखा है तेरा साथ …….अपने जीवन में ,
जैसे फूलों की महक होती है …….प्रेम की बगिया में ।
आँखें बंद करूँ …..तो तेरा चेहरा नज़र आता है ,
इस “नशे” की खुमारी में …..बस तू ही तू दिल में समाता है ।
वो मेरे पल जागीरी के ……लाखों रुपए से भी कीमती होते है ,
जो रातों को सोने से पहले …..मीठे सपनो को दिल में संजोते हैं ।
बहुत गर्मी ……बहुत नरमी ……उन पलों की बगावत होती है ,
जो साँसों को भी थमने का अक्सर …..इशारा किया करती है ।
मुझे तेरा अक्स …तेरा चेहरा ……अपनी रूह में नज़र आता है ,
जैसे तेरे-मेरे “इश्क” की घाटी में …….कोई काफिला उतर आता है ।
मैं भी उस काफिले की मुसाफिर बन …….एक सफर पर निकल जाती हूँ ,
तेरे उन कुछ पलों के साथ के लिए …….ना जाने कितने रूप बदल आती हूँ ।
वो मेरे पल जागीरी के ……मुझसे मेरी कसम मांगें ,
बहुत लम्बे ……बहुत अधूरे …..एक तूफ़ान की पतवार को थामें ।
तू मुझे बदनामी से ……..हर बार परे रख लेता है ,
यही तो ख़ास बात है तुझमे …..जो तू एक पल बनकर …..मुझे परख लेता है ।
मैं तेरी मर्ज़ी को अपने ……”इश्क” की हवा दे जाती हूँ ,
क्योंकि उस मर्ज़ी में मैं ……एक सुकून की लहर पाती हूँ ।
तुझे मेरे “नाम” में अगर …….कभी कोई चमक दिखे ,
तो समझ लेना उस चमक की दमक में भी ……है कहीं तेरे-मेरे किस्से ।
वो मेरे पल जागीरी के ……हाँ तेरे साथ के कदरदान हैं ,
बहुत छोटे ……बहुत प्यारे …..जिनमे हर दम एक मचलता हुआ तूफ़ान है ॥