This Hindi poem highlights the love of two lovers in which the beloved is in Her mood to complete His Lover in the dreams and fantasies and did the same by creating an exciting scene with Him.
आओ फिर आज तुम्हें इन ख्यालों में ………. पूरा कर दूँ ,
जो मिलन है अधूरा कहीं ……… उसे ज़िंदा कर दूँ ।
यूँ तो रोज़ मुझे भी तलब रहे ………. तेरे मयख़ाने की ,
मगर उस मय पे मेरा नाम नहीं ……… जो है तेरे पैमाने की ।
चल फिर बिन पैमाने के ही , तेरी मय में ……… नशा अपना भर दूँ ,
आओ फिर आज तुम्हें इन ख्यालों में ………. पूरा कर दूँ ।
तुम्हे यूँ अकेला तड़पता देख कहीं ………. ये दिल ठहर सा जाता है ,
अपने दिल को तेरे दिल के संग ……… ना जाने क्यूँ जोड़े जाता है ।
बहकने को मचल तेरे संग ………खुद को मैं भिगो लूँ ,
आओ फिर आज तुम्हें इन ख्यालों में ………. पूरा कर दूँ ।
तुम रुक से गए ये कह के ………. कि ये दिल अभी क़ाबिल नहीं ,
हटो ना जाने दो मुझको ……… ये चाहता है कुछ और कहीं ।
तेरी चाहत को समझ के मैं ………और बेबस सा हो लूँ ,
आओ फिर आज तुम्हें इन ख्यालों में ………. पूरा कर दूँ ।
एक मौका तो दे मुझे सनम ………. मैं तुझे अपने संग बहा ले जाऊँगी ,
जिन सवालों में तू उलझेगा मुझसे ……… उनके जवाबों को दे जाऊँगी ।
ख़तम ये खेल कर मोहब्बत का ………मैं तुझे सपनों में पिरो लूँ ,
आओ फिर आज तुम्हें इन ख्यालों में ………. पूरा कर दूँ ।
सँभलने की उम्मीद से ………. क्यूँ मेरे संग जुड़े हो ?
मेरी हस्ती से क्या वाकिफ़ नहीं ……… जो जाने की ज़िद पे अड़े हो ।
खाली करके तुम्हें अपने संग मैं ……… अपनी जीत के जश्न में डुबो लूँ ,
आओ फिर आज तुम्हें इन ख्यालों में ………. पूरा कर दूँ ।
एक एहसास सा बाकी था कहीं ………. जो तुम्हारे अंदर सनम ,
उस एहसास से पूरे हुए तुम ……… लाके नयनों में नए सपन ।
कहा था मैने ना कि ………चलो तुम्हें आज मैं पूरा कर दूँ ,
नए सवालों को ज़िंदा कर ………. पुरानों को मैं दफ़्न कर दूँ ।
आओ फिर आज तुम्हें इन ख्यालों में ………. पूरा कर दूँ ,
जो मिलन है अधूरा कहीं ……… उसे ज़िंदा कर दूँ ।।
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