क्या समझा हैं किसीने किसी के दर्द को : Do people ever feel the pain of the people full of sorrows Do they ever ask what is problem why are you so sad?Read Hindi poems on different topics,
शराबी की दास्ताँ
शराबी की श्याम पीते पीते आगे बढ़ती हैं I
वह कहता हैं अपने जाम को देख कर की
कभी मेरे खली आखों से बहते हैं क्यों अश्क तोह पूछ I
चले चलते लड़खड़ाते हैं मेरे कदम क्यों तोह पूछ I
बीती बातें जब हद से ज्यादा याद आई तोह हाटों ने जो
पकड़ा हैं पैमाना व्हो टूट कर चुभे हैं क्यों तोह पूछ I
पैमाने में जम कम और आसुओं से ज्यादा क्यों भरी हैं तोह पूछ I
पूछता कोई नहीं बस कह जाते हैं अब बहुत हुआ पीना जाओ अपने घर
मैं ठहरा एक शराबी मेरे हाटों इस मैखाने के सारे जाम हो जाएँगी ख़तम
अब मेरी ज़िन्दगी में कितने दिन बचे हैं तोह पूछ I
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आखों से आसु बहते हैं क्यों
आखों से आसु बहने का सिलसिला रुकता क्यों नहीं I
तेरे जाने का घूम अभी मेरी आखों में नज़र आता हैं
जब भी आसु बहते हैं मेरी आखों से I
एक आग सा उगल आता हैं
मुस्कान पर बंदिश यहीं ये कैसी हैं रंजिश I
प्यार का लाल रंग जो तुम्हारे दिए हुए गुलाब में दिखाई देता था
आज यह रंग मेरे आखों में नज़र आता हैं I
जिसने मुझे हसना सिखाया
आज उसी की मौत पर मुझे खूब रोना आया I
कल तक जो हमारे प्यार के कदरदान थे
वही आज मेरे दुःख पे मेहरबान हैं I
इश्क़ करके ऐसी क्या की मैंने खता
जिसकी मुझे मिली इतनी कठोर सजा I
खिड़किया भी बंध रखती हूँ में,
सूरज की किरणों से मेरी आसु चमक उठेंगे
ये कोई हीरा तोह नहीं इसका कोई मोल न हो यहीं सही I
जिन होटो तुमने सिर्फ हसना सिखाया
आज उनमे थर थर कापने का हुनर कहा से आया I
कहा था की साथ मेरा निभाओगे सदा
तोह कहा से सीखी तुमने मुझसे बिछड़ने की अदा I
अब ये हाथ दुआओ के लिए नहीं उठते
क्योंकि अब ये सिर्फ आसु पोंछने के काम जो आते हैं I
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