This Hindi poem highlights the dominating nature of an Indian Husband where He always tried to win His wishes and Overpowered His wife . Though the wife is not so much innocent but still She accepted His wishes due to loyalty and entered Herself knowingly into a deep moat.
दो कदम भी चलूंगी कैसे ……… जब आगे दस फ़ीट गहरी …………. लम्बी ,काली एक खाई है ,
जितना भी मैं खुद को बाहर निकालूँ ……. उतनी ही ज्यादा दिखती मुझे …… उनकी बेवफाई है ।
बना ना सकी खुद की पहचान अब तक …… ये सोच कर …… दिल जलता है ,
जब अपने छोटों की पहचान देखूँ ……… तो खुद के हालातों पर ………. ये रंज करता है ।
ऐसा नहीं है ……… कि मुझमे कमी है अब भी ………… किसी हिम्मत और हौसले अफज़ाई की ,
बस फिर भी कदम पीछे हटते हैं ……. जब भी सोचूँ मैं …… उनकी बेवफाई की ।
जब भी छूने की कोशिश मैं करती …… ऊँचाई …… उस आसमान की ,
तब ही वो बढ़कर मिटा देते ……… मेरे हाथों पर उभरी रेखाएँ ………. भाग्य के नाम की ।
मन मसोस कर ………तब मैं अलविदा कहती ………… अपने ख़्वाबों में बुने ख्यालों को ,
और फिर यथार्थ में वापस लौट आती ……. कफ़न उड़ाने …… अपनी मरती हुई सी इच्छाओं को ।
दो कदम भी चलूंगी कैसे ……… जब आगे दस फ़ीट गहरी …………. लम्बी ,काली एक खाई है ,
जितना भी मैं खुद को बाहर निकालूँ ……. उतनी ही ज्यादा दिखती मुझे …… उनकी बेवफाई है ।
नए सपने बुनने से पहले ………अब तो पैरों में भी ………… एक कंपन होता है ,
उनकी “ना” सुनने की आदत से ……. ये दिल अंदर ही अंदर घुट के …… कहीं रोता है ।
तब मर जाती है वो गर्म जोशी …… धीरे-धीरे से …… कहीं हवाओं में ,
और फिर से खुद को क़ैद करके ……… बन जाती मैं एक पंछी ………. बैठा जो कहीं लताओं में ।
कभी-कभी ये दिल करता है ………कि नापने उतरूँ ………… उस दस फ़ीट गहरी और लम्बी-काली खाई को ,
जो रोकती है अक्सर मुझे चलने से ……. दो कदम साथ ले …… अपनी परछाई को ।
इसलिए मुझे उड़ने की चाह नहीं होती …… हर उड़ान से ………. अब डर लगता है ,
एक सीधी -साधी ज़िंदगी में ……… भयानक तूफ़ान आने का ………. हर बार संकट लगता है ।
दो कदम भी चलूंगी कैसे ……… जब आगे दस फ़ीट गहरी …………. लम्बी ,काली एक खाई है ,
जितना भी मैं खुद को बाहर निकालूँ ……. उतनी ही ज्यादा दिखती मुझे …… उनकी बेवफाई है ।
आज अपने इन दो क़दमों को ………नापती ही रह गई ………… मैं इस तन्हाई में ,
उनके साथ निभाने उनकी वफाओं को ……. मैं फिर से झुक गई हूँ देखो …… उसी दस फ़ीट गहरी,लम्बी-काली खाई में ॥
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