In this Hindi poem a lover is asking to her love that why he became so rude? She was only expecting little happiness and togetherness from him
मैंने क्या लिया है तुमसे अब तक ,
जो तुम इतने Rude बन गए ?
दो पल की ख़ुशी ही तो माँगी थी ,
उस पर भी ऐसे तन गए ।
मैंने क्या लिया है तुमसे अब तक ,
जो तुम इतने Rude बन गए ?
तुम्हारी बातों का असर ,
हम दिल पे लेते हैं सदा ,
तुम्हारी धडकनों को अक्सर सुन के ,
खुद को देते हैं सज़ा ।
मैंने क्या लिया है तुमसे अब तक ,
जो तुम इतने Rude बन गए ?
तुम अक्सर कहा करते हो हमसे ,
कि इतना मत सोचा करो ,
और खुद ही ऐसे ज़ख्म देकर ,
हमें सोचने पर मजबूर किया ।
मैंने क्या लिया है तुमसे अब तक ,
जो तुम इतने Rude बन गए ?
ना बरसात की चाहत हमें ,
ना तुमसे बढ़ दौलत की है ,
बस साथ तेरा कुछ पलों का ,
माँग कर क्या गुनाह किया ?
मैंने क्या लिया है तुमसे अब तक ,
जो तुम इतने Rude बन गए ?
ये जिंदगी है एक तजुरबा ,
हर पल इसे महसूस करो ,
कभी आईने में खुद को देख ,
मेरा अक्स खुद में पढ़ा करो ।
मैंने क्या लिया है तुमसे अब तक ,
जो तुम इतने Rude बन गए ?
मैं आज भी हूँ तुम्हारी दोस्त वही ,
जिसे जब कहोगे तुम कभी ,
कि चले जाओ मेरी जिंदगी से ,
तो फिर मुड़ के न लूँगी …. मैं “बला” ।
मैंने क्या लिया है तुमसे अब तक ,
जो तुम इतने Rude बन गए ?
बस Rude बनकर इस तरह से ,
खंज़र न तुम घोंपा करो ,
मैं भी इंसा हूँ शायद ,
इतना तुम सोचा करो ।
मैंने क्या लिया है तुमसे अब तक ,
जो तुम इतने Rude बन गए ?
मैंने कल भी न ….माँगा था कुछ ,
मुझे आज भी कुछ न चाहिए ,
तुम खुश रहो यारा सदा ,
मेरी लेखनी में बस समाइए ।
मैंने क्या लिया है तुमसे अब तक ,
जो तुम इतने Rude बन गए ?
तुम पर लिखे न जाने मैंने ,
कितने गीत और ग़ज़ल ,
कभी वक़्त ने पूछा जो मुझसे ,
कि किसके लिए तू गयी बदल ?
मैंने क्या लिया है तुमसे अब तक ,
जो तुम इतने Rude बन गए ?
तब नाम तेरा ले लबों पर ,
मैं हर शब्द तुमको अर्पित करूँगी ,
तुम्हारे कुछ पलों के साथ में ,
अपना समस्त जीवन समर्पित करूँगी ।
मैंने क्या लिया है तुमसे अब तक ,
जो तुम इतने Rude बन गए ?
इसलिए जब कभी भी Rude हो तुम ,
तो बस पहले से बताइए ,
इस तरह अचानक से कहकर ,
मेरी पलकों को मत भिगायिए ।।
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