“Break -Up Party” बन गया है ……..अब आशिक दिलों का …..वो प्यारा सा नाम,
जहाँ पहले कभी आशिकों को “मजनू” कहकर ……छोड़ देते थे हम सर~ए ~आम ।
लेकिन आजकल तो “मजनू” भी ………अपनी बर्बादी का जश्न मनाते हैं ,
ऐसी ही “Break -Up Party” में …….अपने इश्क को घटिया ताज पहनाते हैं ।
ये कहानी मेरी आपबीती ……..मेरी खुद की ही जुबानी है ,
जहाँ “लैला” तो मैं खुद हूँ ……मगर उसे “मजनू” कहने में ……… मुझे परेशानी है ।
ये किस्सा शुरू हुआ था ……मेरे भी स्कूल के दिनों से ,
जब मेरे लिए लाया था “वो”…..गुलाब का फूल ……अपने घर के बगीचे से ।
उसकी ऐसी भोली सी अदा पर ……मेरा भी दिल …..आ ही गया ,
और हमने भी औरों की तरह ……स्कूल के उन आखिरी दो सालों को ………इश्क में गँवा ही दिया ।
कॉलेज में भी दोनों साथ-साथ ……….एक-दूसरे के संग ……..प्रेम निभाने लगे ,
दोस्तों के बीच बैठ कर ……..अपने Affair की गाथा को ……हम भी हँस कर सुनाने लगे ।
तीन साल तक यहाँ भी ……..इतनी मदहोशी में दिन बीत गए ,
कि जब होश आया तो समझ आया ………कि मेरे पैरों में बँधे घुंघरू भी टूट गए ।
अब तो बस बाकी बचा था ……मेरे लिए सिर्फ एक चारा ,
कि कैसे भी हो ……”वो” बसा ले मेरे संग ……अपना एक घर प्यारा ।
लेकिन अपनी नादानी को ……..मैंने जैसे ही उसे सुनाया ,
उसने सबके सामने ……मुझसे “Break-Up” करने का फरमान सुनाया ।
मुझे दर्द तो हुआ ……..मगर सँभलने की …..एक और सीख मिली ,
सोचा कि वो सब एक “जुआ” था …….. जिसको खेलने पर मुझे भी सिर्फ “हार” मिली ।
तभी पता चला …..कि मुझसे “Break-Up” कर ……..वो जश्न मना रहा है ,
कॉलेज की कैंटीन में ……हमारे इश्क के ….किस्से सुना रहा है ।
सोचा कि जाकर देखूँ मैं भी ……उस “Break-Up Party” का नज़ारा ,
जो अक्सर होने लगी हैं अब ……ऐसे धोकेबाज़ों को बना आवारा ।
वहाँ पहुँच कर मैंने देखा ……..तो मेरे होश उड़ गए ,
जिसे मैं कभी “जान” कहती थी ……उसके लिए हर “जान” के मायने रूठ गए ।
वो बोतल पर बोतल पी ……अपना रौब ज़मा रहा था ,
अपने दोस्तों के बीच बैठा ……….मेरे हर अंग के ……LIVE किस्से सुना रहा था ।
हर लड़का उसकी “Break -Up Party” में …..दाँतो तले ऊँगली दबा रहा था ,
और “वो” उन सबको हँस -हँस कर ………..मेरा Contact Number बता रहा था ।
मैं बहुत जोर से चीखी ……और उसको एक आवाज़ लगाई ,
कि अगर इसे कहते हैं -“Break -Up Party” ……तो तुम सच में हो …..किसी दलाल के भाई ।
तुमसे बेहतर तो वो पहले ज़माने का “मजनू” था ……जिसके हर अक्स में अपनी “लैला” समायी थी ,
और तुमने तो “Break -Up Party” के बहाने …..अपनी लैला की नग्न तस्वीर ……..अपने दोस्तों को दिखाई थी ।
तुमसे “Break-Up” होने का मुझे ………रत्ती भर भी कोई अफ़सोस ……अब बाकी न रहा ,
क्योंकि मैंने अब भी उसे मजबूर~ए ~हालात समझा ………तुमने जिसे सबको “”Break -Up Party” कहा ।।
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