एक मुलाक़ात अभी बाकी है (A Love Meeting of Lovers): This Hindi love poem describes a broken heart of a lover who loves his girlfriend & is still waiting for her, desperately hoping for at least a last meeting.
शुन्य हुए जज़्बात ,
खत्म हुए अलफ़ाज़ ,
न रहा कुछ कहने को ,
न छुपाना ही अब कुछ बाकी है ,
पर लगता है मुझको ऐसा ,
कि , एक मुलाक़ात अभी बाकी है ……
क्या हो पायेगा ये मुमकिन , कि पा जाऊंगा उन्हें एक दिन ?
इन्ही सवालों से गुज़रते है दिन-रात ,
सुल्झा नहीं पाता इन सवालों को कभी मैं,
बस रह जाता बेबस , तनहा, खाली हाथ ।
उन्हें परवाह नहीं हमारी , वो खुश है बेपरवाह ही,
फिर पूछता हूँ खुद से मैं , क्यूँ सुलगी है सिर्फ मेरे ही दिल मैं ये आग ?
सोचता हूँ हर पल,
क्या कसूर था, क्या कमी थी ?
कि हम तो बिखर गए टूट कर ,
पर आई न उनको याद ।
मैं मानता हूँ ये सब फितूर बेवजह है ,
पर हैरान हूँ , क्या अब भी कुछ सवालात बाकी है ?
लगता है मुझको ऐसा ,
कि , एक मुलाक़ात अभी बाकी है ….
वक़्त गुज़र गया , इंतज़ार की इन्तहा देखकर ,
पत्ते झड गए शाख से , पतझड़ की हवा देखकर।
ज़िन्दगी बदली हो शायद कहीं ,
मुझे इल्म नहीं, खबर नहीं,
बस पूरा नहीं हुआ मेरा हिसाब,
कुछ हिसाब अभी बाकी है ,
लगता है मुझको ऐसा ,
कि, एक मुलाक़ात अभी बाकी है ….
पथरा गयी है आखें , राह उनकी ताकते,
थक चुके है अब हम भी , अपने आप से यूँ भागते ,
जब भी सुना था हमने , कि तबियत उनकी नासाज़ थी,
मांगी थी हमने दुआए , रातों को यूँ जागते ।
लफ्जों ने साथ न दिया ,बात तो दूर तलक जाती ।
करनी चाही ही नहीं तुमने कोशिश ,
याद तो तुमको भी हमारी आती|
भूल सकता हूँ मैं भी तुमको ,
भले मुश्किल सही , पर नामुमकिन नहीं ,
पर सिलसिलों के पूरे हुए है कुछ ही मकाम ,
अभी कुछ और मकाम बाकी है ,
लगता है मुझको ऐसा
कि , एक मुलाक़ात अभी बाकी है ….
ख़त्म हो गया इतना कुछ , यूँ देखते ही देखते,
साँसे चल रही है हमारी अब भी , किसी उम्मीद की दरकार में ,
शायद ये खेल था , पर आखिरी चाल अभी बाकी है
लगता है मुझको ऐसा
कि, एक मुलाक़ात अभी बाकी है ….