टूट जाती है अब मेरी सारी इच्छाशक्ति , बहुत जल्द ,
तुम्हारे एक हलके से इशारे से ही ,
बिखर जाती है अब मेरी सारी मेरी हस्ती , बहुत जल्द ,
तुम्हारे एक हलके से बुलावे से ही ।
तुमने सनम ऐसा जादू किया ,
कि ख्यालों पर मेरे अपना काबू किया ,
छूट जाती है अब मेरी सारी मस्ती , बहुत जल्द ,
तुम्हारे एक हलके से चाहने से ही ।
मेरे दिल पर काबू करने से पहले ,
तुमने किया मेरे दिमाग को अपना पहले ,
डूब जाती है अब मेरे जीवन की कश्ती , बहुत जल्द ,
तुम्हारे एक हलके से नज़ारे से ही ।
लाख सम्भालूँ मैं इस दिल के अरमान ,
फिर भी आ जाता है इनमे तूफ़ान ,
बिखर जाती है अब मेरे सपनो की बस्ती , बहुत जल्द ,
तुम्हारे एक हलके से हिलाने से ही ।
पानी और बारिश का थोड़ा इशारा ,
करता मदहोश मुझे तेरा सहारा ,
बुझ जाती है अब मेरी तन्हाई की बत्ती , बहुत जल्द ,
तुम्हारे एक हलके से बुझाने से ही ।
बादल और बिजली की चमचम – गड़गड़ाहट ,
डराती है मुझको लाने तेरे और पास ,
उजड़ जाती है तब मेरे दिल की बस्ती , बहुत जल्द ,
तुम्हारे एक हलके से छलावे से ही ।
तेरा सीधा-सीधा तब फरमान सुनाना ,
मुझसे बनता नहीं तब कोई बहाना ,
निकल जाती है तब ये सस्ती सी जान , बहुत जल्द ,
तुम्हारे एक हलके से कहलावे से ही ।
सोचा नहीं था कि कभी ऐसा भी होगा ,
कि मेरे दिल पे तेरा भी हुकुम चलेगा ,
टूट जाती है अब मेरे दिल की रस्सी , बहुत जल्द ,
तुम्हारे एक हलके से सुलझाने से ही ।
पहले रखती थी मैं अपनी इन्द्रियों को वष में ,
तुम लाख बहलाते थे , तब भी गिरती ना थी वो गश से ,
गिर जाती है अब मेरी सारी इच्छाशक्ति , बहुत जल्द ,
तुम्हारे एक मधुर गीत सुनाने से ही ।
टूट जाती है अब मेरी सारी इच्छाशक्ति , बहुत जल्द ,
तुम्हारे एक हलके से इशारे से ही ,
बिखर जाती है अब मेरी सारी मेरी हस्ती , बहुत जल्द ,
तुम्हारे एक हलके से बुलावे से ही ।।
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