Hindi poem about importance of mother in our life.Her never ending role of her in our life.We salute such her with our soul and heart…
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Hindi Poem – Maa – Tere roop anek
Photo credit: clarita from morguefile.com
माँ यानी ममता , करुणा, वात्सल्य की मूरत,
धैर्य, आस्था, विश्वास की सूरत,
उस माँ को हमारा कोटि -कोटि नमस्कार,
जिस से मिला है हमें ये जीवन और अच्छे संस्कार।
हे माँ ! तुझे हमारा शत-शत प्रणाम है ,
मुश्किलों में याद आता बस तेरा ही नाम है ।
जननी तू है बस एक , पर तेरे रूप हैं अनेक ।
काम करती जिनसे नेक, सोच-समझकर देख ।
माँ की ममता तो पहले से , जानता है , ज़माना ।
पर उसके बलिदान का , इतिहास भी है पुराना ।
यदि यशोदा रूप में कृष्ण पर अपना वात्सल्य लुटाया है
तो पन्ना धाय बनकर पुत्र का शीष कटाया है
जिस शिवाजी की ताकत से,मुग़ल सेना भी घबराई
उस माँ को कैसे भूलें ,जिसका नाम था जीजाबाई।
वीर शिवाजी ने माँ का ऐसाआशीष पाया
कि काल बनकर दुश्मन को खूब छकाया
मदरटेरेसा बनकरजिसनेसेवा-भाव फैलाया
अपने तेज के कारण ही जग में नाम कमाया
माँ की हर साँस में बस एक ही आस है
बढ़ें हम ही सदा , चमकें आसमान में ।
स्वयं पीड़ा को सहकर भी हमें सुखों से पाला है ,
हमारी खुशियों की तो बस वह एक माला है
माँ ने ही तो हमें सच्चा पाठ पढ़ाया है ,
गिरकर सँभलना उसने ही सिखाया है ।
हमारी ही खुशी में जो ढूँढती है खुशियाँ,
उसके कदमों में बसाएँगे एक ऐसी दुनिया…………
सत्य हो , अपनत्व हो , कर्म हो जहाँ
लक्ष्य हो, संकल्प हो , धर्म हो जहाँ
ऐसी माँ को भूलें कैसे ,
जिसके अनोखे व्यक्तित्व से
है हमारा अस्तित्व।
जो करता रहेगा उसके गुणों का बखान
कहता रहेगा कि है वह कितनी महान ।
माँ ! तुझे सलाम ,
व्यर्थ न जाने देंगे हम तेरा नाम ।
करेंगे कुछ ऐसा , काम ।
बढ़े जिससे तेरा गौरव फैले सुगन्धि व सौरभ ।
आज पकड़ा है जो तूने हाथ मेरा ,
वादा है न छोड़ेंगे हम कल साथ तेरा ।
स्वयं गीले पर सोकर भी,
सुलाया है सूखे परे तूने मुझे,
वादा है न छोड़ेंगे कभी ,
असहाय ,अकेला तुझे ।
क्योंकि ……….
तू हर संकट पर भारी है ,
तेरे साथ से हमने ,
जीत ली दुनिया सारी है ।
ये शब्द है जो माँ ………
अब छूटेगा तब ही..
जब जाएगी हमारी जाँ..
ओ माँ प्यारी माँ …।
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