माँ: In this Hindi poem a message has given to all people that our Mother gives us love without any expectation,she fulfill our needs throughout the life and we respect her. Same way Mother Earth(dharti maa)gives us financial support throughout the life,so we should respect her.
जिंदगी के पालने में झुलाती हैं, दुलारती हैं ,पुचकारती हैं ,
जख्मो पर मरहम लगती हैं ,वो हैं हमारी माँ …!
दिल से दुआ देती हैं ,कभी उफ़ तक नही करती हैं ,
प्यार करते हैं ,सम्मान करते हैं क्योकि वह हैं हमारी माँ …!
ईश्वर ने उसे बनाकर हमको दान दिया, इंसान के रुप में भगवान दिया,
हर रिश्ते से अच्छी है,ममता उसकी सच्ची है,क्योकि वो है हमारी माँ …!
दोस्त है, सहेली है ,हर सुख -दुःख की पहेली है ,
राह हमें दिखलाती है,सही- गलत समझाती है,
और गलती पर एक चपत लगती है क्योकि वह हैं हमारी माँ …!
मदर डे मनाकर हम उसको सम्मान देते,अपनेपन का एहसास देते,
दिन एक मनाते उसके लिए,पर उसके सब दिन हैं हमारे लिए क्योकि वह है हमारी माँ …!
एक माँ ने हमें जन्म दिया,तो दूजी ने हमें अन्न दिया वह है हमारी “धरती- माँ ”
माँ ने ह्रदय से प्यार किया,प्रेम- स्नेह अपार दिया, तो
धरती ने अन्न -भंडार दिया,देश को धन अपार दिया क्योकि वह भी है हमारी माँ ….!
धरती की लहलाती फसलों ने किसान के चेहरे पे मुस्कान दिया,
जीने का एक वरदान दिया,सूखती आँखों को नये सपने और उड़ान दिया क्योकि वो है हमारी माँ …!
माँ की ममता निराली है,तो धरती माँ भी मतवाली है,
गोद में उसके अठखेली करते झरने औरनदिया अदभुत एहसास कराते हैं,
मानो बचपन की किलकारियां याद हमको दिलाते हैं..,
माँ की आँखों में आंसू नही देख सकते हम,
तो कैसे आंसू दे सकते हैं धरती-माँ को हम..?
जिस दिन भूल जायेंगे भेद अपने- पराये का,उस दिन पायगी सच्चा प्यार हमारी धरती माँ
क्योकि वो भी है हमारी माँ …!
तो क्यों कर रहे हो इंतजार,आगे बढ़ने को लगा लो कतार,
स्वीकार करते हो जैसे माँ का प्यार, वैसे ही कर लो धरती माँ को अंगीकार क्योकि वो भी है हमारी माँ …!
दोनों हैं पूजनीय,दोनों हैं अतुलनीय,बिन दोनों के संसार नही है कल्पनीय क्योकि दोनों हैं हमारी माँ …!
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