मेरे पापा
I cannot remember a person in my life who had a more significant influence on me than my father. My father has been the driving force behind my academic achievement. Everything I have been able to accomplish with regards to school, I have him to thank for. Throughout my life, my father has been responsible, caring, strict and yet understanding. This behavior has, throughout my academic history, allowed me to grow and expand my future possibilities.
I dedicate the following poem written by me to my father.
मेरे पापा, मेरे पापा,
सीधे सरल सच्चे मेरे पापा,
सबसे अच्छे मेरे पापा।
हृदय में उदारता,
स्वभाव में विनम्रता।
वाणी में मिठास,
चेहरे पर आत्मविश्वास।
मेरे सपनों को उड़ान देने की रखते अभिलाषा,
यही है मेरे पापा की परिभाषा।
कंधे पर बिठाकर मुझे घुमाना,
लोरी गाकर मुझे सुलाना।
गोदी का पालना, बाँहों का झूला,
बचपन के इन सुनहरे पलों को मैं नहीं भुला।
हमेशा हँसते और हसांते,
मुझ संग वो भी बच्चा बन जाते।
चोट मुझे लगती,
पर आँसू उनके बहते।
करवाते सदा मुझे यही अहसास,
मैं हूँ उनके लिये सबसे खास।
जब भी मुझे ज़रूरत होती,
छोड़कर चले आते सारे काम।
गले लगाकर मुझसे कहते,
“देव, तुम तो हो मेरे राम।”
जीवन के सुख दुख को सहकर,
रहे साथ सदा मेरी ढाल बनकर।
मुझसे कहते- “देव,
देखकर तुम्हारे चेहरे की मुस्कान,
दूर हो जाती मेरी सारी थकान।”
प्रगति के पथ पर अग्रसर रहना मुझे सिखाया,
पापा के रूप में मैंने सच्चा दोस्त है पाया।
संग संग करते हम खूब मस्ती,
सदा सलामत रहे हमारी दोस्ती।
मेरे पापा के हैं उच्च विचार,
दिए उन्होंने मुझे अच्छे संस्कार।
हर ख़ुशी चूमे मेरे कदम,
आशीष देते यही हर दम।
सदैव बोलते मीठे बोल,
नहीं है मेरे पापा के प्यार का कोई मोल।
मेरे लिए मेरे पापा सबसे अनमोल,
मेरे लिए मेरे पापा सबसे अनमोल।
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