By this Hindi poem, I want to encourage and excite kids for doing hard work ,through “Totaram” that how he faces different experience in life.
सुनो -२ भई सुनो -२ ,मै हु मिंटू तोताराम ।
बागो मे मै रहता हु , और खाता हु मै मीठे आम।।
चाहे दिन हो या हो शाम,टू -२ करना मेरा काम
रोज सुबह मै उठता हु ,बागो मे घुमा करता हु ।
आजादी की है पहचान ,ना हु मै इससे अंजान ,
सबको देता हु मै प्यार ,यही है जीवन का आधार ।।
सुनो -२ भई सुनो -२ ,मै हु मिंटू तोताराम ।
बागो मे मै रहता हु , और खाता हु मै मीठे आम।।
रिमझिम -२ वर्षा आये , वो मेरे मन को बहलाये
सर्दी की ऋतु मे मुझको , नींद बड़ी जोरो से आऐ ।
बसंत ऋतू का मत पुछो , ख़ुशी से मन मचलाऐ
गिर्ष्म ऋतू के आमों से , मुहं मे पानी आऐ।।
सुनो -२ भई सुनो -२ ,मै हु मिंटू तोताराम ।
बागो मे मै रहता हु , और खाता हु मै मीठे आम।।
तोता -मैना ,चिड़ियाँ सारे, दोस्त है मेरे प्यारे
साथ हम जब हो जाऐ , तो रंग लगे है न्यारे ।
चाहे आँधी हो या तूफ़ान , साथ कभी ना छोड़े
मिलके हम सारे सदा , गम का मुंख है मोड़े ।।
सुनो -२ भई सुनो -२ ,मै हु मिंटू तोताराम ।
बागो मे मै रहता हु , और खाता हु मै मीठे आम।।
जीवन की नैया को मैं , बड़े प्यार से जीता हु
चाहे कितने वार पड़े, पर कभी ना पथ से हटता हु ।
जीत – हार तो खेल परया, इससे ना कोई बच पाया
व्यकत रहे ना सदा एक-सा, पावन -महिमा ने बतलाया।।
सुनो -२ भई सुनो -२ ,मै हु मिंटू तोताराम ।
बागो मे मै रहता हु , और खाता हु मै मीठे आम।।
दोस्त मेरे तुम प्यारे -२ ,बन सकते हो तुम भी न्यारे ,
करो दुसरो का सम्मान ,होगा जीवन मे कल्याण ।
पढ़-लिखकर बढ़ते चलो ,कभी ना मानो हार ,
कठिन परिश्रम से ही होगा ,उज्जवल भारत का निर्माण ।।
सुनो -२ भई सुनो -२ ,मै हु मिंटू तोताराम ।
बागो मे मै रहता हु , और खाता हु मै मीठे आम।।
***