This Hindi poem highlights the Mental state of an Indian wife where she wanted to left Her husband due to His drinking habit , but always turned back ………as Her last decision always made Her force to convince that the liquor is bad instead of his man.
बुरे तुम नहीं ,बुरी तो तुम्हारी ………. ये शराब है ,
जो हर बार बहक के कहती है ……… कि हम खराब हैं ।
गर हम खराब इतने होते ……… तो सूफी में तुम ना हमें ,गले यूँ लगाते ,
उन प्यार भरी बातों से ना तब …………… हमारे मन को यूँ बहलाते ।
बुरे तुम नहीं ,बुरी तो तुम्हारी ………. ये शराब है ………….
हर बार तुम जब “नशे” में आते ………. तो अपना फैसला सुनाते ,
कि मजबूर~ए~ हालात हैं ये वो ……… जिन्हें तुम भी ना समझ पाते ।
और अगले ही दिन सूफी में ……… तुम बेदाग़ से हो जाते ,
अपने पिछले दिन के कर्मो पर …………… हाथ मल-मल कर पछताते ।
बुरे तुम नहीं ,बुरी तो तुम्हारी ………. ये शराब है ………….
खुद को एक तानाशाही समझ ………. तुम “नशे” में यूँ झल्लाते ,
जैसे हुकूमत~ए ~ मुल्क के शहंशाह ……… थे कभी फरमाते ।
परन्तु अगले ही दिन सूफी में ……… तुम फिर सेवक बन जाते ,
जैसे कोई भक्त अपने भगवन को ……………मन-मंदिर में हों पुजाते ।
बुरे तुम नहीं ,बुरी तो तुम्हारी ………. ये शराब है ………….
ये शराब “नशा” बन कर ………. जब तुम्हारे मस्तिष्क में डोलती है ,
तब अच्छी खासी पत्नी भी ………तुम्हारे अँधेरों की एक छवि है ।
परन्तु अगले ही दिन सूफी में ……… जब उसका “नशा” तुम पर से हट है जाता ,
तब अपनी कामिनी सी पत्नी का ही सिर्फ ……………चेहरा तुम्हे है भाता ।
बुरे तुम नहीं ,बुरी तो तुम्हारी ………. ये शराब है ………….
मैं जब भी परेशां होकर तुमसे दूर जाने का ………. कोई अंतिम निर्णय लेने लगती हूँ ,
तब तुम्हारी शराब की बोतल को ……… अपनी सौतन मान वापस मुड़ने लगती हूँ ।
और तब मन ही मन मुझे ये लगता है ………कि शायद इस बात का यही एक सही जवाब है ,
कि बुरे तुम नहीं ,बुरी तो तुम्हारी ………. ये शराब है ॥
A Message To All-
We all born by Good Qualities But We became Bad due to some Bad habits.