The Hindi poem describes the unforgettable experience of “love at first sight”. No one knows whether it is a love or just a kind of infatuation ,but it is certain that the moment can never be forgotten. Here in the poem, true feeling of first love has been depicted. It describes the feeling when you could not say anything to your beloved one, just because you don’t have courage to tell her or you perhaps think that it may effect your relation.Every time an effort is made by you to express your feelings involving an early preparation about how and what would you say in front of her.But these all efforts go in vain. The situation becomes even more tense when the person finds that there isn’t any reverse emotion by her.You try your best to make her realize what you feel about her.And as we know ,time never stops for anyone..it finally goes away.. leaving behind the untold words and unexpressed emotions.And in the end you are left with those memories that surrounds you every day.
महफ़िल में राजे दिल कभी बताया नहीं जाता ,
सोते हुए अरमा को जगाया नहीं जाता ,
अब तक भी तुम छिपी हो इस दिल में यु कही ,
पहली नज़र का प्यार भुलाया नहीं जाता ..
याद हमे रहता था सब कुछ ,तू जो हंसी सब भूल गए ..
लिख भी डाला ,रट भी डाला ,कहना तुझसे भूल गए
एक रोज़ तूने ये कहा था ख्वाब में मेरे आएगी ..
तब से सोये हम यु तनहा ,जगना ही बस भूल गए .
.नजरो से ही जान लो हाल अब इस दिल का ..
लब्जो से बताया नही जाता ..
पहली नज़र का प्यार भुलाया नहीं जाता ..
तू कुछ भी ना लिख पाई और मैं कुछ भी ना मिटा सका ,
खवाब में तू ना जग पाई और मैं खुद को ना सुला सका ,
प्यार का दीपक हम दोनों के बीच में कैसा आया फिर …
जिसको तू ना जला सकी सकी और जिसको मैं ना बुझा सका ..
शीशे सा कोई दिल लेकर आये सामने तो ,
उसे पत्थर से डराया नहीं जाता ..
पहली नज़र का प्यार भुलाया नहीं जाता ..
बहते हुए पानी को तुम आग समझ बैठी ,
मेरी खुद्दारी को खुदगर्जी का दाग समझ बैठी ,
हम तो उस वक्त भी खुश हुए थे तेरी मुस्कराहट देखकर ,
जब मेरी बेबसी को भी तुम मजाक समझ बैठी
जो मैं खुद नहीं समझ पा रहा हूँ ,
उसे बार बार तुम्हे समझाया नहीं जाता ,
पहली नज़र का प्यार भुलाया नहीं जाता ..
जिन किताबो के पन्नो को तुमने छुआ ,
आज तक भी रखा हैं उसे मोड़कर ..
टूटकर कोई कैसे बिखरता यहाँ ..
देख लेना कोई आयना तोड़कर ..
सिसकिया जो उठती हैं मन में ,
उसे हर पल दबाया नही जाता ..
पहली नज़र का प्यार भुलाया नहीं जाता ..
जहा हर पल बारिश हो रही हो जिंदगी में ,
वहा जज्बातों की पतंग को उड़ाया नहीं जाता ..
यादो के बिस्तर पर करवटे लेकर ,
नींद को कभी बुलाया नही जाता
हर नज़र चाहे भले धोका खा जाये ,
भुल जाये किसी को पर
पहली नज़र का प्यार भुलाया नहीं जाता ..
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by: poet Akhil Nahta,
jaipur