खैनी, गुटखा, ज़र्दा, पान मसाला…
पैकेट खोल फट से मुँह में डाला ,
सस्ता सा “नशा” ….मगर होती है शान,
हाँ ,मैं भी रखता हूँ ….ऐब में अपना एक नाम ।
धीरे-धीरे उस एक रूपए के Pouch ने ,
ऐसा रस घोला मेरे Mouth में ,
खाली-खाली सा कुछ लगता है ,
जब पैकेट से मुँह नहीं भरता है ।
एक अलग सी महक ….एक अलग सा सुकूँ ,
क्या हर्ज़ है इसमें …जो मैं इसको चबा लूं ?
लड़की,दारु का शौक नहीं मुझे ,
सिर्फ तम्बाकू की लत से ही तो दिन बुझे ।
अब जवानी की उम्र में भी ….गर कोई शौक न किया ,
तो क्या बुढ़ापे में चबायेंगे ….तम्बाकू की पुड़िया ?
इसी अदा पर तो मेरी ……वो नाज्नीने मरा करती हैं ,
जब दांतों तले पान -मसाले की …..महक से वो निखरती हैं ।
खैनी रगड़ कर जैसे ही ……..जुबां के नीचे रखता हूँ ,
त्यौहार मनाने का दुगना मज़ा ……….अपनी धमनियों में भरता हूँ ,
“ज़र्दे” की डिबिया से ……..बढ़ती है मेरे कोट की शान ,
“पान -मसाला ” Serve करते ही …..पार्टी में हो जाती एक पहचान ।
लम्बे-लम्बे से कश ……जब “सिगरेट ” के जलते हैं ,
कॉलेज की कैंटीन में …….लड़कियों के दिल मचलते हैं ,
वो रह-रह के ……धुओं के छल्ले उड़ाना ,
सिगरेट पीने का तरीका …अपने जूनियर्स को सिखाना ।
उम्र चौबीस की ….. जैसे ही मेरी आयी ,
मैं डॉक्टर के पास पहुंचा …. लेने दवाई ,
भूख लगना …… एकदम बंद सा हो गया था,
हर खाने का स्वाद …..बेस्वाद हो गया था ।
मुँह को खोला जब …….तो दाँत गल गए थे ,
जुबान पर तम्बाकू के ………निशान छप गए थे ,
गालों में बच रहा था …..सिर्फ कुछ चमड़ी का नज़ारा ,
माँ रो रही थी कि बचा लो इसे ……….ये मेरा “लाल” है प्यारा ।
“Oral Cancer ” का नाम ……जैसे ही डॉक्टर ने सुनाया ,
मेरे पैरों तले की धरती में ……मानो भूचाल आया ,
अभी तो इतने सपने …..बाकी थे मेरे ,
कैसे छूट गए अधूरे ……वो बिन पढ़े फेरे ।
क्यूँ इस तम्बाकू को …..मैंने गले लगाया ?
अपनी ही कश्ती को ………पानी में डुबाया ,
जीवन जीने की चाह ……एक ओर तलबगार थी ,
दूसरी ओर मृत्यु …..मेरे सर पर सवार थी ।
तीन महीने बिस्तर पर …..मैं तिल -तिल कर मरता रहा ,
अपने अंतिम क्षणों में ……अपनी नासमझी की कीमत भरता रहा ,
बेज़ार पड़ा बिस्तर पर ……..बस यही एक लेख लिख पाया हूँ ,
“Oral Cancer” को मत दो दावत …..जिससे मैं अब तक न उभर पाया हूँ ।
बहुत से सपने टूट गए ……बहुत सी उम्मीदें बह गईं ,
परिवार के लिए न कर सका कुछ ……उसकी सूनी माँग भी भरने से रह गयी ,
जलाओ जब भी मुझे तुम ……..शमशान में ले जाकर ,
एक तस्वीर खींच लेना …..मेरे खुले हुए मुँह की ….जनता को दिखाकर ।।
A Message To All-
Chewing tobacco and other forms of smokeless tobacco
Are more harmful and addictive than you might think.