पैसा
पैसा हूं मैं पैसा-
पैसा का बोल बोलता हूं |
जो किया आदर मेरा,
जो किया सदुपयोग मेरा,
उसकी किस्मत बदल देता हूं |
जो किया अनादर मेरा,
जो किया दुरुपयोग मेरा,
उसे फकीर बना देता हूं |
ना जाने मुझ पर
कितने जॉच समिति और आयोग बैठाया,
उन सभी पर- पैसा ही अमल पाया !
क्योंकि- बेईमान तो बेईमान,
ईमानदार के भी दिल में-छेद कर देता हूं |
पैसा हूं मैं पैसा-
पैसा का बोल बोलता हूं!
रूपया, ट्का, डॉलर और यूरो
ना जाने कितने नाम है मेरे |
कभी सिक्का, कभी लम्बे-लम्बे नोट
कभी एकाउंट, कभी चेक तो कभी गोल्ड
ना जाने कितने रूप हैं मेरे |
निकालना तो निकालना(withdrawal)
जमा करने के भी अलग-2 स्वरूप हैं मेरे |
पैसा हूं मैं पैसा-
पैसा का बोल बोलता हूं!
कई बार हुआ विमुद्रीकरण मेरा,
कभी नोटों के रंग बदले,
तो कभी नोटों पर लिखे अंक
पर कम ना हुआ मान मेरा |
जो मेहनत से पाया मुझे,
उसने दिया सही नाम मेरा |
लेकिन जिसने पाया मुझे-
बिना बहाये पसीना,
उसे समाज ने कह कालाधन
किया तिरस्कार मेरा,
पर कम ना हुआ मान मेरा |
पैसा हूं मैं पैसा-
पैसा का बोल बोलता हूं!
ना मेरा कोई धर्म, ना कोई जात,
ना देखूं अमीर, ना गरीब,
ना बुराई, और ना अच्छाई,
मैं हूं एक पैसा, यही है मेरी सच्चाई |
मैं तो अनजान हूं इन सब से
पैसा हूं मैं पैसा-
बस पैसा का बोल बोलता हूं!
किस्से भी मेरे अजीब है
थोडी बेशर्मी, थोडा तहजीब है
बच्चे को दूध नहीं, भूखे को अनाज नहीं
मरने वाले को कफन नहीं
लेकिन मेरा कोई कसूर नहीं है
सब का अपना-2 नसीब है
क्योंकि मैंने वही किया
जो मुझसे इंसान ने करवाया
पैसा हूं मैं पैसा-
पैसा का बोल बोलता हूं!
कोई लाख चाहे मुझे रोकना,
पर कोई रोक ना पाया
क्योंकि
ना कोई मंजिल है, ना कोई ठिकाना
चलते ही जाना-2
यही मेरा पहचान है,
इसी में पूरे देश का विकास है
पैसा हूं मैं पैसा-
पैसा का बोल बोलता हूं!
–END–
**आलोक कुमार (TISPRASS)****
उप प्रबंधक (BHEL HARDWAR)