For the sake of love child
This is description in Hindi poetry of a young age love. The way the two lovers date each other and exchange promises to live together. They visit various places in Delhi and enjoy the romance of life during their dating period. One rainy evening the young couple breaks the boundaries of platonic love and surrender to worldly pleasure. Incidentally the girl gets pregnant. The girl does not want to abort the child therefore she pleads to the boy to marry her .The poem depicts the state of mind of the girl and the manner in which she tries to persuade him to enter the wedlock for the sake of their love child whom she wants to bear at any cost.
मेरी दिल की दुकान का टूट गया शटर ,
मैं तो सोई पड़ी थी बेखबर ,
मेरे यौवन का थम नहीं रहा तूफान ,
जुल्मी ने लूट लिया मेरा सब सामान ।
मुझे young age मे किया जिसने बदनाम , मैं तो थाने में लिखवा आई हूँ उसका ही नाम ,
अब सात फेरों का तू कर ले इंतजाम , नहीं तो शोर मचा के बस्ती मे तेरा जीना कर दूंगी हराम ।
पूरी सड़क पे लगवा दूँगी ट्रेफिक जाम ,नहीं तो बारात लेकर आ जा कल शाम ।
पटाया तूने मुझे, पिलाकर रोज रोज पेप्सी ,
Gift मे लाकर दिया Samsung गेलक्सी,
गोल गप्पे खिलाने का था तुझे बड़ा शौक ,
तभी घुमाने ले जाता था तू चाँदनी चौक ।
मैं तो सोई पड़ी थी बेखबर , मेरी दिल की दुकान का टूट गया शटर ।
चल चले आज इंडिया गेट,
खाएँगे आइस क्रीम और आमलेट ,
अब क्यूँ हो रहा है लाल पीला ,
चल दिखला दे मुझे दिल्ली का लाल किला ,
मेरे दिल में लगी है आग,
तू अकेला घूम रहा है करोल बाग ।
टूट गयी थी हम दोनों के बीच की दीवार ,
जब पिक्चर दिखा कर घुमाया तूने कुतुब मीनार ।
मैं तो सोई पड़ी थी बेखबर , मेरी दिल की दुकान का टूट गया शटर ।
दिल्ली मेट्रो मे कितना घूमे हम ,साथ रहने की खाई रोज कसम,
अब तू बात कर रहा है जाने की असम ,रुक जा वरना कर दूँगी तुझे भस्म ।
मैं तो जी रही थी अपनी दुनिया मे अलमस्त ,
तूने आकर कर दी मेरी life अस्त व्यस्त ,
शाहजहाँ ने बनवाया था अपनी बेगम के लिए ताज ,तू भी प्रण कर ले ये आज ,
आजा अपनी हरकतों से बाज ,रख ले दुनिया मे मेरी लाज ।
मैं तो सोई पड़ी थी बेखबर , मेरी दिल की दुकान का टूट गया शटर ।
मेरे प्यार की शक्ति का नहीं है तुझे अंदाज
बेवफ़ाई की तो खा जाऊँगी जैसे कच्चा प्याज ,
तेरे प्यार में जी रही हूँ तो तेरे प्यार में मर भी सकती हूँ ,
इम्तिहान न ले मेरा , मैं कुछ भी कर सकती हूँ ।
बहुत हो गया अब इंतजार ,जाने नहीं दूँगी सरहद के उस पार ,
मत समझ मुझे इतना लाचार ,बारात लेकर आजा इस बार ।
मैं तो सोई पड़ी थी बेखबर , मेरी दिल की दुकान का टूट गया शटर ।
बरसात की एक रात थी , बह गए थे हम जजबातों में ,
कर दिया था खुद को तेरे हवाले , आ कर तेरी मीठी मीठी बातों में ।
नन्ही सी जान का क्या कसूर ,पल रही है जो मेरे पेट में ,
तेरा ही अंश है जो ईश्वर ने दिया है हमे भेंट में ।
हमारे सच्चे प्यार की है यह निशानी ,
कदापि नहीं दूँगी मैं इसकी कुर्बानी ,
अब फर्ज़ निभा ले तू भी अपना ,
पूरा होगा हम दोनों का सपना ।
अब तो लेकर आ जा band बाजा बारात ,
सज धज कर दुल्हन बनूँगी मैं उस रात ,
सात फेरे लेकर एक छोटा सा घर हम बसाएँगे ,
इस नन्ही जान के संग चाँद सितारे हम सजाएँगे ।
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