वो तुम नहीं कोई और है..
आज कुछ मेह्सुस हुआ, कोइ मुझे याद कर रहा ,
बेेशक तुम नहीं थी वो, हा कोई तुम जैसी जरूर थी ,
मेरी हमदर्द ,मेरी हमनवा ,मेरे गुजरे दिनो की हमसफ़र ,मेरी हमयार।
कुछ उम्र उसके साथ भी गुजारी है ,इसलिए तो मुझको वो बहुत प्यारी है ,
तुम्हारी वजह से मैंने उसे भी खो दिया ,तुम गयी तो वो भी दूर हो गयी मुझसे
तुम्हारे खातिर उसके यारो दोस्तों से भी पेहचान बना ली थी हमने ,
मगर वो भी दूर हो गए हमसे ।
मैं किसीको भी तुमसा प्यार ना कर सका ,जब की असली प्यार के हक़दार वो ही थे ,
जिन्होंने मुझे तुमसे वाकिफ करवाया
जिन्होंने तुम्हे और मुझे मिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी,
पर मेरी जान ,तुम उसकी भी सगी न हुई तो मुझको कहाँ से चाहती।
हां वो तुम्हारे मोह्हले की गली थी ,जिसे तुमने छोड़ दिया ,
वो उस गली के यार ,सहेली, वो छज्जा ,वो चाय की टपरी ,वो नुक्कड़ ,वो किराने की दूकान,
वो साइकिल की दूकान जहाँ पंक्चर बनवाता था मैं ,वो गली के सामने बरगद का पेड़ जहाँ सामने से गुजरती थी तुम.
इतना दुःख तब ना हुआ जो अब हो रहा है, तुम्हारे वजह से सब से नाते तोड़ लिए मैंने ,
वो तुम्हारी वजह से जो इस गली की रौनक थी सब कहीं खो गयी है,
ये अब तुम्हे याद भी नहीं करते।
मगर अब मैं इनसे जरूर मिलूंगा ,क्यूंकि वो तुम्हारी नहीं मेरी गली थी , समझी….!!!
2- मेरा क़त्ल ही कर जाएगी।
मेरी हर बात में अपना हिस्सा मांग कर ले जाएगी , पगली, न जाने मेरे संग कितनी दूर जाएगी।
मैं वो ईट हूँ जो टूट कर भी टूट नहीं सकता , गर जो मैं टूट गया तो इमारत गिर जाएगी।
मेरी ख़ुशी है तो उसके चेहरे की मुस्कान है , जो मैं रूठा तो न जाने वो किधर जाएगी।
ना जाने क्यों मैं उसका हो कर भी हो नहीं सकता ,जो मैं उसका हुआ तो वो सवर जाएगी।
उसकी छोटी छोटी ख्वाइशें हैं , मैं वो भी पूरी ना कर पाया ,
जो अब उसको मिला तो ,मेरा क़त्ल ही कर जाएगी।
**
By- sharmajikashor