This Hindi poem gives a social message to all those persons who went in some sort of depression due to His unsuccessful trend in some field . Later the poetess define that a successful person is the only one who regularly keep Himself update by practicing more and more.
सफलता का एक ही द्वार ………… संघर्ष करो बार-बार ,
संघर्ष करे जब बेड़ा प्यार ……… तब खुल जाते हैं हज़ारों सफल द्वार ।
संघर्ष ही जीवन ………… संघर्ष ही सन्देश ,
संघर्ष मिटाए …………. मन के सभी द्वेष ।
निरंतर संघर्षरत ………… रहने वाला ,
खोल लेता है अपने …………. मानसिक दबाव का भी ताला ।
संघर्ष सिखाता है …………जब भी तकरार ,
तभी जीतने की इच्छा ……… होती है बार-बार ।
संघर्ष में मिलती है ………… जब हार ,
तब और संघर्ष देता है जन्म …………. नए विचार ।
सफल वही होता है अंत में ………… जिसने संघर्ष को गले लगाया ,
असफ़ल तब पछताए हाथ मल …………. क्योंकि उसने सदा संघर्ष से जी था चुराया ।
कई बार संघर्ष करते-करते …………ये दिल भटक सा जाता है ,
बेचैनी सी तब होती है मन में ……… आँखों में धुआँ सा छाता है ।
उसी धुएँ को हौले से हटा …………हम फिर से संघर्षरत हो जाते हैं ,
क्या हुआ जो उस धुएँ की लौ से …………. उस वक़्त ये आँसू बह जाते हैं ?
सफल होना कोई होड़ नहीं ………… सफल बनना एक सम्मान है ,
आज नहीं तो कल होगा जरूर सम्मान उसका …………. सफल व्यक्ति की यही एक पहचान है ।
मैंने कई बार संघर्ष करते-करते ………… बहुत से लोगों को हारते देखा है ,
कभी वो टूट कर बिखर सा जाते हैं ……… तो कभी उन्हें मौत को गले लगाते देखा है ।
पर कुछ ऐसे भी हैं ………… जो अपनी मंज़िल पर चलते जाते हैं ,
सफलता-असफ़लता तब एक खेल बन जाता …………. जिसमे वो अक्सर हारते जाते हैं ।
हारना भी तो है एक शान अपनी ………… आज हारें हैं तो कल जीतेंगे हम ही ,
ऐसे ही बेवजह हम फिर क्यूँ …………. डरते हैं मन ही मन में यूँही ।
मैं कहती हूँ बार-बार यही ………… कि सफल व्यक्ति होता है वही ,
जो संघर्ष जितनी बार करेगा ……… उतनी बार वो नई चाल चलेगा ।
तब अंतिम चाल जब होगी उसकी ………… तब असफ़लता की भी नई राह बनेगी ,
और तब सफलता आएगी सिर्फ उसके ही द्वार …………. क्योंकि उसी ने तो किया था ना ,ये संघर्ष बार-बार , लगातार ।।
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