ख्याल रखना
कैसे हो तुम- समझ पाना है मुशिकल,
पास रहती हूं तेरे- मंजिल पाना नहीं मुश्किल,
दुर रहती हूं तुम से- खुद को संभाल पाना है मुश्किल|
कहती हूं मैं तुम्हें- टेक केयर,
लेकिन तुम करते हो -मेरा केयर|
कहते हो -करने को शेयर,
खुद रहते हो खामोश, हमको लगानी पडती है गियर
प्लीज ठीक से रहना- टेक केयर!
खुद को तो संभाला जाता नहीं,
चले हो करने -मेरा केयर|
कितनी बार बोली -ठंड से बचना,
बारिश में मत भिगना
लेकिन तुम तो अपनी चलाते हो मर्जी| कहते हो -करने को शेयर,
लेकिन मरी एक भी बात को- नहीं लेते सिरियस|
प्लीज ठीक से रहना- टेक केयर!
कैसे हो तुम- वो सईंयॉं बेदर्दी?
भुल जाते हो मेरी बातें,
भुल जाते हो मेरा चेहरा भी,
लेकिन भुलते नहीं -मेरी पढाई और नोट्स|
अच्छे हो तुम और तुम्हारी प्यारें बातें,
और तुम्हारा भेजा हुआ कैडवरी- सच्ची|
कहते हो -करने को शेयर,
लेकिन भेजते हो सिर्फ कैडवरी,
कभी-कभी प्यारी बातें का भी करो डिलवरी|
प्लीज थोडा ही सही- लेकिन टेक केयर!
तुम्हें समझने कि कोशिश करती हूं
तो खुद को तेरी बाहों में पाती हूं|
जो समझाने कि कोशिश करती हूं
तो ऑंखो मे अश्कों कि धार पाती हूं|
कहते हो -करने को शेयर
लेकिन जब करते हो लडाई,
तो टूट जाती हूं अंदर से,
खुद को ठगा सा महसूस करती हूं
लेकिन फिर दिल को समझाती हूं,
वो प्यार भरे लम्हें को याद करती हूं|
तो लगता है,
इतने भी बुरे नहीं है – मेरे सोना,
हम तो यूं ही लडते है आप से-
अपना समझकर,
आप ठीक से रहना- वो मेरे सोना|
प्लीज मान भी जाओ- अपना ख्याल रखना!
जवाब:
हर वार्तालाप में तुम्हारी एक गुजारिश होती है,
टेक केयर, टेक केयर
लेकिन कोई -फरमाईश नही होती है
ये दूरी, ये तन्हाई,
तुम्हें अश्कों की धार तो देती है
कमबखत- मुझे तो वो भी नहीं देती,
यहां तक कि उधार भी नहीं देती,
बलिक भीतर ही भीतर सोंख लेती है|
पल भर की लडाई की बातें को तो-
दिल से मत लेना,
हम तो यूं ही लडते है आप से-
अपना समझकर
टेक केयर, ये मेरी भी ख्वाहिश है
प्लीज मान भी जाओ- मेरी किटी
तुम भी अपना ख्याल रखना!
** धन्यवाद**
आलोक कुमार (TISPRASS)
उप. प्रबंधक (BHEL HARDWAR)