In this Hindi poem a husband forces her wife to accept drink at the mating night but the wife wins by her clever tricks
वो कहें हमें ….”पी” ले ज़रा सी …….रात को जवान होने दे ,
हम कहें …..हम डरते खुदा से ….ना हमको बदनाम होने दे ।
वो कहें ……तुझे वास्ता है ……देख मेरी मोहब्बत का ,
हम कहें ….हर वास्ते पे …..हमें यूँही कुर्बान होने दे ।
वो कहें …….दो घूँट तुझको …….देख जवान और करेगी ,
हम कहें ……ऐसी जवानी के सबब में ……ना दिल~ए~ अरमान खोने दे ।
वो कहें …..हमें साथ तेरा …….दो घूँट में अच्छा लगे ,
हम कहें ….दो घूँट के बिन ही ……हम तुझे अपना कहें ।
वो कहें ….तू जो पी लेगी आज ……तो तुझ पर निसार ये दिल करूँ ,
हम कहें ……अपने दिल को सँभालो …….इसे यूँ ना आम होने दे ।
वो कहें ……इसे दवा समझ …….हाल~ए~दिल तू इश्क की ,
हम कहें ……ऐसी दवा को …….ना हम पर हावी होने दे ।
वो कहें ……मैं तेरा साहिब …….तू मेरी गुलाम ये समझ ,
हम कहें ……इसी गुलामी में ही …….हमें कत्ल~ए~आम होने दे ।
वो कहें ……कर मुझ पर भरोसा ……मैं तुझे गिरने से सँभालूंगा ,
हम कहें …….तुम खुद को सँभालो ……हमें मत लड़खड़ा कर गिरने दे ।
वो कहें …….तुझे “पीर” का वास्ता ……आज नशे में झूम जा ,
हम कहें …….उस “पीर” के सदके …….हमें उसकी पनाह में खोने दे ।
वो कहें ……मत आज तू …..मेरी बात को नकार यूँ ,
हम कहें ……मत जिद कर इतना …..हमें अपनी निगाह में ना “गुनाहगार” होने दे ।
वो कहें …..जाओ तुम यहाँ से …..वो यारी ही क्या ……जो नकार दे मोहब्बत ,
हम कहें …..ये यारी नहीं …..जो अपनी तरह से भी …..ना रोने दे ।
वो कहें …….हम हार गए …….देख तेरी जिद के तले ,
हम कहें ……ये जिद नहीं …..बस एक सज़ा है ……जिसमे हमको न तू डूबने दे ।
वो कहें …….जा हमने भी छोड़ी ……..आज से तेरे लिए ,
हम कहें ……..बाहों में आजा …..मत रात को यूँ खोने दे ॥
***