ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ………. ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ?
लिखें हम उन लाशों पर ………. जो मुर्दों की तरह ना जियें ।
अपने में ही मस्त रहना …… ज़िंदा लाशों का करम होता ,
उन्हें ना किसी की परवाह होती …… ना किसी का दर्द होता ,
क्यूँ देखें हम ऐसी लाशों को ……… जिनकी कोई पहचान नहीं ,
देखें हम उन लाशों को ………. जो जियें बिन नाम सही ।
ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ………. ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ?
लिखें हम उन लाशों पर ………. जो मुर्दों की तरह ना जियें ।
कर्मठ हाथों को जब देखते हैं हम …… बहुत सी लाशों के बीच ,
तो ज़िंदा और मुर्दा लाशों का फर्क …… ढूँढ़ते हैं अपनी आँखों को मीच ,
ज़िंदा लाश का कोई अक्स नहीं ……… कोई वजूद नहीं होता ,
ज़िंदा लाश का कोई नाम नहीं ……… कोई अरमान नहीं होता ।
ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ………. ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ?
लिखें हम उन लाशों पर ………. जो मुर्दों की तरह ना जियें ।
ये जीवन बड़ा अनमोल है ……… फिर क्यों हम ज़िंदा लाश बनें?
आओ पल-पल इसमें डूब के ………. अपने कर्मों का इतिहास रचें ,
मुर्दे तो बनकर सभी ने …… एक दिन चले जाना है ,
पर मुर्दों की तरह हम ना जियें …… ऐसा रँग हमें भर जाना है ।
ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ………. ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ?
लिखें हम उन लाशों पर ………. जो मुर्दों की तरह ना जियें ।
मैं लिखने के लिए जब भी उतरती हूँ ……… इस इंसानों की नगरी में ,
तो बहुत सी ज़िंदा लाशों को ……. करती हूँ बंद अपनी अंजुली में ,
फिर मैं सोचती हूँ खुद से ही …… कि क्यूँ इन्हे ये मानस जीवन मिला ?
जिनपर चाहकर भी मेरा मन अब तक ………. कुछ भी ना लिख सका ।
ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ………. ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ?
लिखें हम उन लाशों पर ………. जो मुर्दों की तरह ना जियें ।
मगर फिर अगले ही पल जब ढूँढती हूँ …… उन सुन्दर भावों को ,
जो सिर्फ कर्म से ही बनते हैं श्रेष्ठ ……. बिन देखे सपने रातों को ,
और तब उनपर कुछ लिखने का ……. एक और ही मज़ा आता है ,
क्योंकि वही व्यक्ति ही सर्वश्रेष्ठ ………. मनुष्य योनि की श्रेणी में आता है ।
ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ………. ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ?
लिखें हम उन लाशों पर ………. जो मुर्दों की तरह ना जियें ।
इसलिए एक पहचान बनो सब …… इस माया नगरी की ,
समझ के फर्क ज़िंदा और मुर्दा लाशों का …… एक शान बनो इस धरती की ,
ढोते-ढोते इस तन का बोझ …… तब तक तुम नहीं रुकना ,
जब तक लोग तुम्हे लाश कहकर ये ना कहें …… कि इस पर है अब रोना ॥
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