[We know we are getting services from so many things in our life. Like Walls, Doors, Chairs, tables, Bulbs, ACs and so on. If these things have life and if they start asking for salaries fir their services and do something like STRIKES also… what happens then? It is not a fun to smile, not a fun if it really happens, like these people who are serving us are often going under strikes and suffocating by stopping their service for some time. Mostly repented is doctors on strike.]
दीवार:
मेरा नाम है दीवार…
मेरा काम है पहरा…
अपका पैसा है मेरा।
आपका घर है मेरा।
एक ही जगह रहना…
हले बिना खडे रहना…
यह मेरा काम करना
मुझे मुश्किल है ना?
कितने साल यूं रहना
खडे धूप-बारिश सहना
बहुत हो गया है ना?
सहना मुश्किल है ना?
मुझे अच्छा है चलना
या यूं टहलते फिरना
लगता है यूं चाहना
मेरी जान जैसा है ना?
कुरसी:
कुरसी मेरा नाम है …
बैठना आपका काम है…
मेरे भी चार पैर हैं।
मेरा चलना दूर है।
चलना मेरी चाह है।
कुरसीतोड कई तो हैं।
उन्हें फेंकना चाह है,
कई सालों की चाह है।
तुम्हारे तो दो पैर हैं।
मेरे तो चार पैर हैं।
तुम बैठे – हम चुप हैं
सालों से – मुँह खला है।
अब तुम्हें चुप रहना है।
हमें तुम पर बैठना है।
हमें आजादी मिलनी है।
चल, तम्हें चुप रहना है।
दरवाजा:
दरवाजा मेरा नाम है …
रखवाली करना काम है…
बंद करके आप जाते हैं।
ताला लगाकर जाते हैं।
आजादी मेरी चाहत है।
बंद होने से हवा बंद हैं।
खड़े रहते पैरों का दर्द है,
कई सालों की गुलामी है।
ताला लगाकर बंद हैं।
हमें आप लात मारते हैं।
जोर से बंदकर जाते हैं।
हमारी जान खतरे में है।
बल्ब:
बल्ब मेरा नाम है।
रोशनी देना काम है।
रात भर यूं जलना हैं।
हमेशा रोशनी देना है।
कई छात्रों को पढ़ाना है।
उन्हें बहुत आगे बढ़ाना है।
बहुत सालों से जला है ना?
मुझे थोड़ा रेस्ट चाहिए ना?
अब जलना बंद करना है।
अंधेरा को राज करना है।
कब तक जलते रहना है?
आराम मुझे मिलना है ना?
बल्ब मेरा नाम है ।
रोशनी देना काम है।
कब तक यूं जलना हैं?
कब तक रोशनी देना है?
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