Hindi Poetry on Life – JINDGI….In search of meaning that has no bounds
ज़िन्दगी ,
अजनबी एहसास है या,
प्यास में जली हुई राख है,
अन्कही वो दास्ताँ है या,
लफ़्ज़ों की रवानी है
सिमटने की कोशिश है या फिर ,
बिखरने का प्रयास है
दर्द की तड़प है या ,
ख़ुशी का एक एहसास है
ज़िन्दगी,
ख्वाइशों का पैमाना है या,
जन्नत की तलाश है
मोहब्बत का छलकता जाम है या,
नफ़रत का काला तेज़ाब है
ज़िन्दगी,
वो यादों की बारात है या,
आँसुओं की बरसात है
खुरेदे हुए वो ज़ख़्म हैं या,
टूटे हुए अरमान हैं
ज़िन्दगी,
लम्हों का कोई खेल है या,
दूरियों का अधूरा मेल है
सुलझती हुई कोई पहेली है या,
बुनता हुआ एक जाल है
पैरों को जकड़ी वो बेड़ियाँ है या,
उड़ने के लिए फैला आकाश है
डूबने से अनजाना लगाव है या,
लेहरों का बेकाबू बहाव है
ज़िन्दगी,
माँ की अधूरी ममता है या,
आक्रोश की बहती आग है
रिश्तों के सारे बंधन है या,
आज़ादी की एक दरख्वास्त है
ज़िन्दगी,
जीने का है वो अरमान या,
मौत को पीने का जुनून है
सही गलत का तराजू है या,
दगाबाज़ इम्तेहानों के नतीजे हैं .
ज़िन्दगी,
इंतज़ार की घड़ियाँ है या ,
इम्तेहानों से गुज़रते दौर है
आँखों में छुपे कुछ राज़ है या,
खाली मुस्कुराहटों की गूंजती आवाज़ है
ज़िन्दगी,
लगती हुई वो आंख है या ,
उठा हुआ एक कोहराम है
ख़ुशी में झलकता मीठा सा दर्द है क्या?,
या उस दर्द में भी कहीं झूठी मुस्कान है…
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी को समझने की वो मुद्दत है या,
तरसाते अल्फाज़ों की वो माँग है
तड़प के मरने का इरादा है या,
ख़ुशी में जलने का एहसास है
ऐ ज़िन्दगी,
रूह ने मेरे दिया आज एक जवाब है,
तेरी हर तलाश से उठा ये बवाल है,
हर उस बवाल के पीछे एक नया सवाल है,
अरे,
सवालों के पीछे भागते राही,
ज़िन्दगी तो खुद को फना करने का एक अभ्यास है …..
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