इश्क का सफर
मिलें जो तुम हमकों
मिले हो तुम हमको युँ जो ,
दिल को सुकुन है आया ा
आज इन रातों को भी,
आँखों मे चैन है आया ा
हुई है दिल को इक तसल्ली कि मिल गया
है वो जिसे ढुँढती थी निगाहें मेरी ा
इससे पहले थी मै बेखबर इस “प्यार” से,
तुमसे मिली तो जाना कि
जिंदगी अधुरी हैं इसके बिना ा
साथ होते जब मेरे तुम,
होता है इक अलग जहाँ ा
परवाह नही किसी की उसमें,
बस हम दोनो ही बसतें वहाँ ा
होती है खुशियाँ सभी ओर,
गम की नही होती जगह ा
आँखों मे देखुँ जो तेरे ,
तो सारी दुनियाँ दिखती है
होता तु करीब जब,
सारी कलियाँ खिलती हैं ा
होती नही सिकन ये दिल मे,
चेहरे पे तेरी जब मुसकुराहट झलकती है ा
हाथ तेरा थामें मै हर लम्हे को जीती हुँ ,
मगर हर पल तुझे खोने से ही तो डरती हुँ ा
सफरनामा इश्क का
सफरनामा ये इश्क का बड़ा ही हसीन है ा
दिल मे छुपे, दर्द ही लवों पे मुस्कान हैं ा
यादों के गलियारों में बस एक ही नाम हैं ा
बातों में उसकी वो कशिश आम हैं ा
आँखों में उसकी एक नशीली शाम हैं ा
पास आने पर उसके ,रूक जातें हैं कदम ा
थम जाती हैं साँसें ,रूक जाती हैं धड़कन ा
आँखों के मिलते ही उनमें डुबने को दिल हैं कहता ा
नजरों से ही वो अपनी दिल की बातें हैं कहता ा
आँखों ही आँखों में किये वो इशारें
दिल की जमीं पर बस गऐं हैं सारे ा
हवा भी मेरे संग आज मस्तानी हो गई ा
यादों में उसकी मै दिवानी हो गयी ा
टुट तो रिश्ते भी जातें हैं ये तो सपना था ा
शायद हकीकत में कुछ और ही अपना था ा
दूरिंयाँ
जिंदगी किस मोड़ पर न जाने है आ पड़ी,
वक्त है पर तु नही कैसी ये घड़ी है आ पड़ी
हुँ अकेली मै यहॉं पर तु कहीं भी है नही ा
वक्त के पहिये भी घुमे पर वक्त है अब भी वही
छुटा तेरा साथ जो तब से अकेली हुँ खड़ी
जाऊँ कहाँ तेरे बिना कुछ भी खबर है अब नही
वो रास्ते वो मंजिले तेरे बिना कुछ भी नही
तु साथ था जब मेरे तो सारी खुशियाँ थी यहीं ा
हर राह थी आसान जब तु साथ था मेरे यहीं
पर अब रास्ते विरान हैं तु यहाँ जो है नहीं ा
ढूँढे तुझे मेरी नजर पर तू कहीं भी है नहींं ा
कैसे चलुँ इस राह पर अब हो चुकी सब कुछ नयी ा
तेरा साथ जब से मिला था मै हुई थी बस तेरी ा
अब जियुँ कैसे बता तु साथ अब जो है नही
युँ राह पर चलती हुँ अब पर साथ होता तु नही ा
इस भीड़ मे भी हुँ अकेली तु कहीं जो हैं नही ा
–END–