कब मैं बह जाती हूँ तेरे साथ ………. नहीं पता ?
कब हो जाती है बरसात ………. नहीं पता ?
कब मैं बह जाती हूँ तेरे साथ ………. नहीं पता ?
कब हो जाती है बरसात ………. नहीं पता ?
कब मचल जाता है ये दिल ………. नहीं पता ?
कब फ़िसल जाता है ये मन ………. क्या पता ?
कब मैं बह जाती हूँ तेरे साथ ………. नहीं पता ?
कब तुम साज़ को आवाज़ देते हो ………. नहीं पता ?
कब तुम धड़कनों पे राज़ करते हो ………. नहीं पता ?
कब ठहर जाता है ये मन ………. नहीं पता ?
कब बहक जाता है ये तन ………. क्या पता ?
कब मैं बह जाती हूँ तेरे साथ ………. नहीं पता ?
कब तुम चिंगारी से शोला भड़का देते हो ………. नहीं पता ?
कब तुम बूँद से बरसात ला देते हो ………. नहीं पता ?
कब रुक जाती है ये धड़कन ………. नहीं पता ?
कब बढ़ जाती है ये अगन ………. क्या पता ?
कब मैं बह जाती हूँ तेरे साथ ………. नहीं पता ?
कब नैनों में सपने तैरते हैं ………. नहीं पता ?
कब रग-रग में लहू रिसता है ………. नहीं पता ?
कब इस दिल पे तू काबू करता है ………. नहीं पता ?
कब इन लबों पे तेरा जादू चलता है ………. क्या पता ?
कब मैं बह जाती हूँ तेरे साथ ………. नहीं पता ?
कब राज़ से ये दिल बँधता है ………. नहीं पता ?
कब चुपचाप से एक मिलन होता है ………. नहीं पता ?
कब डरते हैं ये दो प्रेमी मन ……… नहीं पता ?
कब जीते हैं फिर भी कुछ क्षण ………. क्या पता ?
कब मैं बह जाती हूँ तेरे साथ ………. नहीं पता ?
कब हाथों में हाथ बंध जाते हैं ………. नहीं पता ?
कब हम संग-संग चले जाते हैं ………. नहीं पता ?
कब ये दिल तेरा गुलाम हुआ ………. नहीं पता ?
कब ये जिस्म तुझ पे मेहरबान हुआ ………. क्या पता ?
कब मैं बह जाती हूँ तेरे साथ ………. नहीं पता ?
कब कल्पनाएँ जन्म ले लेती हैं ………. नहीं पता ?
कब हमारी आरज़ूएँ पूरी होती हैं ………. नहीं पता ?
कब सब पल में खत्म हो जाता है ………. नहीं पता ?
कब एक सुकून सा छा जाता है ………. क्या पता ?
कब मैं बह जाती हूँ तेरे साथ ………. नहीं पता ?
कब मैं बह जाती हूँ तेरे साथ ………. नहीं पता ?
कब हो जाती है बरसात ………. नहीं पता ?
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